बांग्लादेश में पत्रकारों और मीडिया पर हमलाें काे लेकर पत्रकार संगठनों ने जताई चिंता

 


नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। पिछले कुछ दिनों में ढाका, चटगाँव और बांग्लादेश के अन्य स्थानों पर पत्रकारों, प्रिंट, ऑनलाइन और टेलीविज़न मीडिया आउटलेट्स और प्रेस क्लबों पर हमलों की रिपोर्टों पर पत्रकार संघों और क्लबों ने चिंता जाहिर की है।

नई दिल्ली स्थित दक्षिण एशिया के विदेशी संवाददाता क्लब (एफसीसीएसए), भारतीय प्रेस क्लब (पीसीआई), भारतीय महिला प्रेस क्लब (आईडल्ब्यूपीसी), राष्ट्रमंडल पत्रकार संघ (सीजेए, भारत), प्रेस एसोसिएशन और भारतीय विदेश मामलों के संवाददाता संघ (आईएएफएसी) ने एक संयुक्त बयान जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि कुछ पत्रकारों की कथित तौर पर हत्या भी की गई है और कई पत्रकार कथित तौर पर छिप गए हैं। न केवल असामाजिक तत्वों द्वारा बल्कि कुछ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी लगातार धमकियाँ दी गई हैं।

बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए वक्तव्य में कहा गया है कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता के रूप में, हमें यकीन है कि आप हमारे साथ इस विश्वास को साझा करते हैं कि पत्रकारों और मीडिया घरानों के खिलाफ अपराधों का पूरे समाज पर बहुत बुरा असर पड़ता है। एक स्वतंत्र प्रेस लोगों को सूचित निर्णय लेने में मदद करता है। समावेशी लोकतंत्रों के निर्माण में स्वतंत्र, बहुलवादी और विविध मीडिया और सूचना तक पहुँच के महत्व को पहचानना मौलिक है, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफ़लाइन।

इसमें आगे कहा, “हम आपसे पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने और उनके खिलाफ हिंसा, धमकियों और हमलों को रोकने का आग्रह करते हैं। आपकी सरकार के लिए सभी हिंसा की निष्पक्ष, त्वरित, गहन, स्वतंत्र और प्रभावी जांच करना और दोषियों को दंडित करना बेहद जरूरी है।”

इसमें कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि राजनीतिक नेता, सार्वजनिक अधिकारी और सरकारी अधिकारी व्यक्तिगत पत्रकारों और मीडियाकर्मियों सहित मीडिया को बदनाम करने, डराने या धमकाने से बचें, या सांप्रदायिक या किसी भी भेदभावपूर्ण भाषा का इस्तेमाल न करें जो पत्रकारों की विश्वसनीयता के साथ-साथ स्वतंत्र पत्रकारिता के महत्व के प्रति सम्मान को कम करती है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा / रामानुज