बैंकर से मंत्री बनने का दिलचस्प सफर है जितिन प्रसाद का
दिल्ली/लखनऊ, 09 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की अहम संसदीय सीट पीलीभीत लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाले भाजपा सांसद जितिन प्रसाद मोदी सरकार-3.0 में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जितिन प्रसाद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जितिन प्रसाद ने हिन्दी में शपथ ली। युवा सांसद जितिन प्रसाद यूपी सरकार में मंत्री थे और पीलीभीत से उन्हें भाजपा ने टिकट दिया था। यहां से उन्होंने डेढ़ लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।
जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर, 1973 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ। जितिन प्रसाद ने शुरुआती पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से की और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। जितिन प्रसाद ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया। बीकॉम करने के बाद उन्होंने आईएमआई नई दिल्ली से एमबीए किया। इसके बाद जितिन प्रसाद बैंक में नौकरी करने लगे। जितिन के दादा ज्योति प्रसाद कांग्रेस के नेता थे और उनकी दादी पामेला प्रसाद कपूरथला के रॉयल सिख परिवार से थीं। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व कांग्रेसी प्रधानमंत्री राजीव गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे। जितिन प्रसाद की शादी फरवरी 2010 में पूर्व पत्रकार नेहा सेठ के साथ हुई।
जितिन प्रसाद को राजनीति अपने बाबा और पिता से विरासत के रूप प्राप्त हुई। जितिन प्रसाद ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2001 से थी। 2001 में जितिन प्रसाद भारतीय युवा कांग्रेस के सेक्रेटरी चुने गए। इसके बाद 2004 में पहली बार जितिन प्रसाद ने अपने गृह जनपद शाहजहांपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। साल 2008 में पहली बार जितिन प्रसाद केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किए गए। जितिन प्रसाद के जीत का सिलसिला लगातार जारी रहा। 2009 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर धौरहरा सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इस बार उन्हें एक बार फिर मनमोहन सरकार में मंत्रिमण्डल में शामिल किया गया। 2009 से 2011 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे।
जितिन प्रसाद ने 2011-12 में मनमोहन सरकार में पेट्रोलियम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली। 2012 से 14 में वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते जितिन प्रसाद चुनाव हार गए। 2014 में जितिन प्रसाद को भाजपा की रेखा वर्मा से हार मिली थी। जितिन प्रसाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से धौरहरा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2021 में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2022 के बाद लगातार दूसरी बार बनी योगी सरकार में जितिन प्रसाद को लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. आशीष वशिष्ठ / राजेश/प्रभात