नासा प्रमुख ने डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात, इसरो के साथ संयुक्त उपग्रह लॉन्च करने पर की चर्चा

 




नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। भारत और अमेरिका अगले साल की पहली तिमाही में पृथ्वी अवलोकन के लिए संयुक्त माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह लॉन्च करेंगे। इस उपग्रह का नाम नासा -इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एनआईएसएआर) है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नासा प्रमुख बिल नेल्सन से मुलाकात के बाद दी।

नई दिल्ली में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ( नासा) के प्रमुख बिल नेल्सन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस मौके पर नेल्सन ने जितेन्द्र सिंह को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ऐतिहासिक चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए बधाई दी और भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री से संबंधित कार्यक्रम में तेजी लाने का आग्रह किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा-एनएएसए) ने मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग पर एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया है और विकिरण प्रभाव अध्ययन, सूक्ष्म उल्कापिंड और कक्षीय मलबे से बचाव के अध्ययन में सहयोग, अंतरिक्ष स्वास्थ्य और चिकित्सा पहलुओं की संभावनाओं का पता लगा रहे हैं। नागरिक अंतरिक्ष सहयोग पर भारत-अमेरिका संयुक्त कार्य समूह (सीएसजेडब्ल्यूजी) की 8वीं बैठक जनवरी 2023 में वाशिंगटन डीसी में आयोजित की गई थी।

इस मौके पर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार शुरू करने के बाद से भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप में तेजी आई है। लगभग चार वर्ष की छोटी सी अवधि में ही अंतरिक्ष (स्पेस) स्टार्ट-अप्स की संख्या मात्र एक अंक से बढ़कर अब 150 से अधिक हो गई है और इसके साथ ही पहले वाले स्टार्ट-अप्स अब बड़ा रूप लेकर आकर्षक उद्यमियों में बदल गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल