आरिफ सलीम की पिटाई पर मौलाना मदनी का पत्र, दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
- जमीअत उलमा-ए-हिंद का प्रतिनिधिमंडल ज्वाइंट सीपी से मिला, जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष का पत्र सौंपा, न्याय की मांग की
नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। जमीअत उलमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने पूर्वी रेंज के संयुक्त पुलित आयुक्त सागर सिंह कलसी से उनके कार्यालय में जाकर मुलाकात की और जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की ओर से एक पत्र सौंपा। इस पत्र के माध्यम से कथित तौर पर मदीना मस्जिद डी ब्लॉक वेस्ट विनोद नगर, दिल्ली के निवासी आरिफ सलीम पर मधु विहार पुलिस थाने में पुलिस प्रताड़ना और इस्लामोफोबिया की शिकायत दर्ज की गई है। इससे पूर्व जमीअत का एक प्रतिनिधिमंडल आरिफ सलीम से उनके घर पर मुलाकात कर चुका है।
गौरतलब है कि 21 मई की रात लगभग 8 बजे पुलिस ने न सिर्फ आरिफ की पिटाई की बल्कि उसको 'मुल्ला' और कटुआ कह कर उसकी धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया, जबकि मामला ट्रैफिक उल्लंघन से जुड़ा था। आरिफ के साथ न केवल घटनास्थल पर मारपीट हुई बल्कि उसे थाने ले जाकर डार्क रूम बेरहमी से पीटा गया। अस्पताल में मामूली इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया, हालांकि गंभीर चोट और मनोवैज्ञानिक आघात की वजह से आरिफ सघन चिकित्सा निगरानी का हकदार है।
मौलाना मदनी ने पत्र में मांग की है कि पीड़ित व्यक्ति आरिफ सलीम को पुलिस विभाग द्वारा इलाज की सुविधा प्रदान की जाए और दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना देरी किए निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कराई जाए और आरिफ के परिवार को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने ज्वाइंट सीपी से कहा कि पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए होती है, इसलिए जो कुछ आरिफ के साथ हुआ वह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। लोगों में विश्वास बहाल करने और न्याय प्रदान करने के लिए आरिफ को उचित मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने किसी व्यक्ति को उसकी पहचान के आधार पर सजा न देने से संबंधित पुलिस अधिकारियों को मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया। ज्वाइंट सीपी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि हर संभव कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को न्याय दिलाने में मदद की जाएगी।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद नूरुल्लाह, जमीअत उलमा-ए-हिंद के वरिष्ठ आर्गनाइजर मौलाना गय्यूर अहमद कासमी और मौलाना शफीक अहमद अल कासिमी मालेगानवी, दीनी तालीमी बोर्ड दिल्ली के महासचिव कारी अब्दुस्समी शामिल थे। जबकि स्थानीय लोगों में पीड़ित के बड़े भाई तारिक सलीम, मोहल्ले के जिम्मेदार लोगों में शौकत अली, फखरुद्दीन सैफी, मासूम अली, अफजल खान, कामरान सैफी आदि शामिल थे। दूसरी ओर, आरिफ से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दीनी तालीमी बोर्ड जमीअत उलमा दिल्ली के अध्यक्ष मौलाना दाऊद अमिनी ने किया। जमीअत प्रतिनिधिमंडल ने आरिफ को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/मोहम्मद शहजाद/प्रभात