सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, गरिमा और शालीनता बेहद जरूरी : धनखड़

 


नई दिल्ली, 04 दिसंबर (हि.स.)। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सांसद राघव चड्ढा का निलंबन समाप्त नहीं हुआ है बल्कि उनकी सजा आज तक के लिए सीमित की गई है। उनको दोषमुक्त भी नहीं किया गया।

धनखड़ ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि चड्ढा ने जो किया है वह किसी हाल में उचित नहीं है। संसदीय आचार समिति ने उन पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट बताती है कि चड्ढा ने किस तरह से गलत आचरण पेश किया है। धनखड़ ने कहा कि वह सभी राज्यसभा सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि अपने कर्तव्यों के पालन में नैतिकता बनाए रखें। सदस्यों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे संसद की बदनामी हो और उनकी विश्वसनीयता प्रभावित हो। सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, गरिमा, शालीनता और मूल्यों के उच्च मानकों को बनाए रखना जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के सदस्य राघव चड्ढा का विशेषाधिकार हनन के मामले में उच्च सदन से निलंबन वापस ले लिया। पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य ने 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान 05 सदस्यों की बिना अनुमति के उनका नाम दिल्ली से जुड़े एक विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने के प्रस्ताव में शामिल किया था। इन सदस्यों ने राघव चड्ढा के खिलाफ शिकायत की थी। मामला संसद की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था और उन्हें सदन की कार्रवाई से समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया था।

आज सदन की कार्रवाई के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने सदन को जानकारी दी कि विशेषाधिकार समिति ने उन्हें मामले में दोषी पाया है। हालांकि दंड स्वरूप उनका निलंबन का कार्यकाल काफी है और इसे देखते हुए वे उनका निलंबन हटाए जाने की प्रस्ताव रखते हैं।

आप सांसद ने निलंबन वापस होने पर एक वीडियो संदेश में उच्चतम न्यायालय और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपना निलंबन हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे और सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया। अब उनका निलंबन 115 दिन बाद वापस लिया गया है। वे इससे खुश हैं और धन्यवाद देते हैं जबकि राज्यसभा के सभापति ने साफ किया कि चड्ढा का निलंबन आजतक के लिए सीमित किया गया है। वह दोषमुक्त नहीं हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/प्रभात