वाराणसी के इस मंदिर को बनने में लगे 20 साल, जानें आखिर ऐसा क्या है इसमें खास

पीएम मोदी ने वाराणसी के उमरहा में बने स्वर्वेद महामंदिर धाम का उद्घाटन किया। विहंगम योग सस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज के विश्व के दर्जनों देशों में सैकड़ों आश्रम हैं। इसमें वाराणसी का यह स्वर्वेद महामंदिर सबसे बड़ा है। 35 करोड़ की लागत से करीब 20 साल से बन रहा यह 7 मंजिला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बताया जा है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं। 

 

पीएम मोदी ने वाराणसी के उमरहा में बने स्वर्वेद महामंदिर धाम का उद्घाटन किया। विहंगम योग सस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज के विश्व के दर्जनों देशों में सैकड़ों आश्रम हैं। इसमें वाराणसी का यह स्वर्वेद महामंदिर सबसे बड़ा है। 35 करोड़ की लागत से करीब 20 साल से बन रहा यह 7 मंजिला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बताया जा है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं। 

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां योग साधना करने की सुविधा होगी, मंदिर की दीवारों पर अद्भुत नक्काशी की गई है। 2004 में इसका निर्माण शुरू किया गया था। स्वर्वेद मंदिर अपनी खास भव्यता को लेकर काफी चर्चा में है, क्योंकि इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। मंदिर इतना बड़ा है कि इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग एक साथ मेडिटेशन कर सकते हैं और इस वजह से यह दुनिया में सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बताया जा रहा है। 

जानें इस मंदिर की कहानी?
स्वर्वेद मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है स्व: और वेद. स्व: का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान. स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है और यह एक मेडिटेशन स्थल है। मंदिर के सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें। 

क्या है इस मंदिर की खास बात?
यह स्वर्वेद महामंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह 7 मंजिला है और 35 करोड़ की ज्यादा की लागत से 64 हजार स्कवायर फीट में बनाया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी है। काशी में बना स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा है। इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं। इसमें कमल के आकार का गुंबद भी बना हुआ है, जो दिखने में बहुत ही सुन्दर लगता है, क्योंकि मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है।