जलवायु जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए भारत को 2030 तक 30 लाख करोड़ का चाहिए निवेश
नई दिल्ली, 15 फरवरी (हि.स.)। भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप कुमार दास ने विश्व बैंक द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में कहा कि भारत को अपने सीओपी जलवायु जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए वर्ष 2024-2030 के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये का निवेश चाहिए।
कार्यक्रम में बुधवार (14 फरवरी) को नवीनतम दक्षिण एशिया विकास अपडेट टुवार्ड फास्टर, क्लीनर ग्रोथ जारी किए गए। इस दौरान इरेडा के सीएमडी ने भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त निवेश की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा विकास के लिए एक रोल मॉडल रहा है।
प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई रूफटॉप सोलर योजना को दूरदर्शी बताते हुए उन्होंने कहा कि 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली इस परियोजना का लक्ष्य हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके 1 करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से लैस करना है। यह पहल देश में रूफटॉप सोलर क्षेत्र को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है। यह योजना न केवल पर्याप्त लाभ प्रदान करेगी बल्कि बड़े पैमाने पर लोगों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में जागरुकता भी बढ़ाएगी, जो 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन और 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में योगदान देगी।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/पवन