भारतीय पुलिस सेवा के प्रोबेशनर्स अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की
नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। भारतीय पुलिस सेवा के 76 आर.आर. (2023 बैच) के प्रोबेशनर्स अधिकारियों के एक समूह ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट की। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाता है। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा के प्रोबेशनर्स अधिकारियों को यह याद रखने की सलाह दी कि 'आईपीएस' में 'एस' का मतलब सेवा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं में भारतीय पुलिस सेवा का अपना एक विशेष महत्व है। कानून और व्यवस्था न केवल शासन की आधारशिला है बल्कि यह आधुनिक राज्य का आधार भी है। सरल शब्दों में कोई यह भी कह सकता है कि कई स्थानों और कई स्थितियों में, वे साथी नागरिकों के लिए राज्य का चेहरा होंगे और वे राज्य की प्रशासनिक मशीनरी के साथ उनका पहला संपर्क होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छूने का लक्ष्य रखता है, ऐसे में आईपीएस अधिकारियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। आर्थिक विकास और सामाजिक विकास तभी संभव है, जब कानून का शासन कायम हो। कानून और व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाता है।
राष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में महिला आईपीएस अधिकारियों की संख्या में हुई तेज वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती संख्या पुलिसिंग के समग्र चरित्र को बेहतर बना सकती है, पुलिस-समुदाय संबंधों को बेहतर बना सकती है और राष्ट्र के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की रोकथाम और पता लगाना तथा पुलिसिंग के अन्य पहलुओं को प्रौद्योगिकी में प्रगति से लाभ मिला है। हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि अपराधी और आतंकवादी भी प्रौद्योगिकी का सहारा ले रहे हैं। जब दुनिया भर में साइबर अपराध और साइबर युद्ध बढ़ रहे हैं तो आईपीएस अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे तकनीक के जानकार हों और अपराधियों से एक कदम आगे रहें।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईपीएस अधिकारियों के कंधों पर रखी गई बड़ी जिम्मेदारियां कभी-कभी बहुत तनावपूर्ण हो सकती हैं। इसलिए, उन्हें कभी भी अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने उन्हें योग, प्राणायाम और विश्राम तकनीकों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए कहा। उन्होंने उन्हें यह भी याद रखने की सलाह दी कि 'आईपीएस' में 'एस' का मतलब सेवा है। उन्होंने कहा कि उनका सबसे बड़ा नारा देश और उसके नागरिकों की सेवा करना है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार