नौसेना ने चांडिल बांध से बाहर निकाला विमान का मलबा, ब्लैक बॉक्स नहीं मिला
- पूर्वी नौसेना कमान की कमांड क्लीयरेंस डाइविंग टीम को मिली बड़ी कामयाबी
नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। भारतीय नौसेना ने झारखंड के चांडिल बांध में गिरे प्रशिक्षक विमान का मलबा बाहर निकाल लिया है। पूर्वी नौसेना कमान की 20 सदस्यीय गोताखोरी और हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण टीम ने 5 दिनों तक खोज और बचाव अभियान चलाया। खराब मौसम की स्थिति में अभियान चलाने के लिए विशाखापट्टनम से हवाई मार्ग के जरिये कमांड क्लीयरेंस डाइविंग टीम को झारखंड लाया गया था। विमान के दोनों पायलटों के शव पहले ही बरामद किये जा चुके थे।
झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल जलाशय में 152 प्रशिक्षक विमान सेसना 20 अगस्त से लापता था। सोनारी एयरपोर्ट से 11.30 बजे उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही लापता हो गया था। खोजबीन के 12 घंटे के बाद विमान के चांडिल डैम में डूबने की जानकारी प्रशासन को मिल गई। इसके बाद एनडीआरएफ ने लगातार अभियान चलाकर हवाई जहाज और उसके पायलटों की तलाश शुरू की। एनडीआरएफ की टीम ने 48 घंटे के बाद 22 अगस्त को ट्रेनी पायलट शुब्रोदीप दत्ता और पायलट जीत शत्रु आनंद का शव चांडिल डैम से ही बरामद किया था।
इसके बाद डैम में विमान का मलबा खोजने के लिए भारतीय नौसेना को लगाया गया, तभी से नौसेना की टीम विमान के मलबे की खोज रही थी। आखिरकार लापता विमान का मलबा 25 अगस्त को डैम के भीतर ही खोज लिया गया लेकिन उसे बाहर निकालने के लिए प्रशिक्षित टीम नहीं थी। इसलिए पूर्वी कमान की कमांड क्लीयरेंस डाइविंग टीम को सोमवार की सुबह 10:30 बजे विशाखापट्टनम से हवाई मार्ग के जरिये झारखंड लाया गया। नौसेना की टीम चार बोट लेकर अपने 12 सदस्यों के साथ डैम के अंदर गई। एयर बैलून के माध्यम से विमान का मलबा खींच कर किनारे लाने में 13 घंटे से भी ज्यादा का समय लगा।
डैम के किनारे लाये गए मलबे को क्रेन के सहारे लिफ्ट करके ट्रक में लादा गया। चांडिल डैम से हवाई जहाज का मलबा निकलते देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ रात 12 बजे तक डैम किनारे जुटी रही। नौसेना के जवानों ने भारत माता की जय और बजरंगबली की जय का उद्घोष किया तो आम लोगों ने नौसेना जिंदाबाद के नारे लगाए। डैम से बाहर निकाले गए मलबे में विमान का ब्लैक बॉक्स नहीं है, इसलिए अब डीजीसीए की टीम अपने तकनीक से जहाज के क्रैश होने का पता लगाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम