भारतीय मेजबानी ने यूरेशियन ग्रुप के सभी सदस्यों को अभिभूत किया : ईएजी चेयरमैन चिकानचिन

 


इंदौर, 28 नवंबर (हि.स.)। देश के सबसे स्वच्छ शहर और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए यूरेशियन समूह की पांच दिवसीय 41वीं प्लेनरी की बैठक के चौथे दिन गुरुवार को विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। चौथे दिन के दूसरे सत्र की बैठक में यूरेशियन समूह (ईएजी) के चेयरमैन और एफआईयू रसिया के डायरेक्टर यूरी चिकानचिन ने कहा कि 41वें ईएजी पूर्ण अधिवेशन के शानदार आयोजन और आतिथ्य ने सभी अतिथियों का मन मोह लिया है। भारतीय मेजबानी ने सभी को अभिभूत किया है।

ईएजी चेयरमैन चिकानचिन ने कहा कि भारत दुनिया की अग्रणी और तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। स्थानीय उद्योग, वित्तीय क्षेत्र और शिक्षा को विकसित करने की उचित नीति ने सतत विकास का आधार तैयार किया है। कई विशेषज्ञ भारतीय आर्थिक चमत्कार के बारे में सही ही कहते हैं। इस बदलते माहौल में, भारत ने कालाधन के खिलाफ एक प्रभावी प्रणाली बनाई है, जो हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ टीम द्वारा किए गए मूल्यांकन के दौरान भी साबित हुई है।

चिकानचिन ने कहा कि हमने अपने कार्य समूहों की रिपोर्टों और बैठक सत्रों में देखा कि इन सभी प्रयासों में भारत की सक्रिय भागीदारी इसकी वैश्विक विश्वसनीयता और व्यापक प्रगति के प्रयासों के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। भारत ने मजबूत आधारशिला स्थापित करते हुए एक व्यापक प्रणाली की अखंडता का प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी, धन शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण और बाजार में हेराफेरी की नई संभावनाएं, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद का मुकाबला और उसे रोकने के लिए अच्छी तरह से विकसित कानूनी आधार, सुसंगत राष्ट्रीय समन्वय, सरकार का समग्र दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। भारत में क्रेडिट संस्थानों और वित्तीय मध्यस्थों को अपराधियों द्वारा फायदा उठाने से रोकने के लिए तंत्र भी विकसित किया गया है। खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए एएमएल/सीएफटी प्रणाली की क्षमता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की निवेश अपील को बेहतर और मजबूती प्रदान करती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इतने सारे देश ईएजी समूह के पूर्ण सत्र में रुचि लेकर सभी पर्यवेक्षक, देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन इसमें शामिल होते हैं।

उन्हाेंने कहा कि हमने पहले ही जो विषय उठाए हैं, उनमें यूरेशियाई, एशिया-प्रशांत, मध्य पूर्वी और अफ्रीकी क्षेत्रों के लिए कई तरह के मुद्दे शामिल हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। बैंकों को ईमानदार रखना, फिनटेक का प्रबंधन करना, आभासी मुद्राओं से होने वाले जोखिमों को कम करना, अपराधियों को आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग करने से रोकना और भी कई वैश्विक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई, जो बैठक के उद्देश्यों को पूर्ण करती है।

ईएजी चेयरमैन ने कहा कि बैठक के माध्यम से सक्रिय विचार-विमर्श और अनुभव साझा करने से खतरों को कम करने के लिए सही उपाय ढूंढने में मदद मिली है, जिसके लिए समग्र सरकार की मानसिकता और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को मजबूत करने की आवश्यकता होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर