एयरफोर्स के फुल ड्रेस रिहर्सल में तकनीक, शौर्य व पराक्रम का गवाह बनी पोकरण की फील्डफायरिंग रेंज
जैसलमेर, 14 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान के मरुस्थलीय व सरहदी जिले जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में बुधवार को भारतीय वायुसेना ने अपनी शक्ति का फुल ड्रेस रिहर्सल किया। प्रदर्शन में मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल एपी सिंह थे। वायुसेना विभिन्न हवाई विमानों द्वारा साहस, शौर्य व दमखम का प्रदर्शन किया गया।
वायु शक्ति प्रदर्शन एक्सरसाइज वायुशक्ति 2024 में राफेल, सुखोई, मिराज, मिग-27, चिनूक, जगुआर, तेजस, हावक सहित विभिन्न एयरक्राफ्ट ने मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। इसके साथ एयरफोर्स के लड़ाकू हेलीकॉप्टर एमआई 17वी, एमआई 35, एल्हमकीव, मिग 29 व मिग 27 भी इस प्रदर्शन में शामिल हुआ। लड़ाकू विमानों द्वारा वायुशक्ति-24 प्रदर्शन में दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना साधा। वहीं, इसमें सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मन के इलाके में घुसकर कार्रवाई का भी जीवंत प्रदर्शन किया। वायुसेना द्वारा पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पिछले कुछ दिनों से लगातार अभ्यास किया जा रहा है। वायुसेना द्वारा आगामी 17 फरवरी को अपने मारक जहाजों की क्षमता का प्रदर्शन करेगी। फुल ड्रेस रिहर्सल भी फील्ड फायरिंग रेंज में ही किया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में 2019 को वायु शक्ति प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। जिसमें तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुई थी। इसके बाद 2022 में वायु शक्ति प्रदर्शन का आयोजन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया।
वायु शक्ति 2024
अभ्यास 'वायु शक्ति' जिसका अर्थ है 'एयरपावर' भारतीय वायु सेना के लिए पूरे देश और वरिष्ठ नेतृत्व को अपने उच्च प्रशिक्षित और प्रेरित वायु योद्धाओं की पूर्ण स्पेक्ट्रम क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य कर रहा है क्योंकि वे अच्छी तरह से काम करते हैं। अत्याधुनिक और विरासत प्रणालियों की विविधता को बनाए रखा। वायु शक्ति-2024 भारतीय वायु सेना की नेटवर्क वाले वातावरण में काम करने की क्षमता का प्रदर्शन करेगा, जो इसकी वायु और सतह आधारित हथियार प्रणालियों और विशेष बलों की घातकता और सटीकता को उजागर करेगा।
भारतीय वायु सेना की शक्ति के प्रदर्शन वायु शक्ति 2024 का आयोजन स्थल पोकरण फायरिंग रेंज है। यह रेंज विभिन्न प्रकार के हथियारों के परीक्षण स्थल के रूप में देश की रणनीतिक आकांक्षाओं से निकटता से जुड़ी हुई है। शुष्क राजस्थान के रेगिस्तान में यह विशाल सुविधा अधिक महत्व रखती है, क्योंकि इसके विशाल आकार और सुरक्षा क्षेत्र की सीमा के कारण, कुछ विशेषज्ञ हथियारों को केवल इस सीमा पर ही दागा और परीक्षण किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रशेखर भाटिया/ईश्वर/आकाश