भारतीय तट रक्षक जहाज 'समुद्र पहरेदार' की आसियान देशों में तैनाती
- आसियान देशों में भारतीय तटरक्षक जहाज की यह लगातार तीसरी तैनाती
- फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई के बंदरगाहों का निरीक्षण करेगा जहाज
नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। भारतीय तटरक्षक का विशेष प्रदूषण नियंत्रण जहाज ‘समुद्र पहरेदार’ अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर फिलीपींस की मनीला खाड़ी पहुंच गया है। आसियान देशों में विदेशी तैनाती का मकसद फिलीपींस तट रक्षक (पीसीजी) के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने के साथ-साथ आसियान क्षेत्र में समुद्री प्रदूषण के बारे में चिंताओं और संकल्प को साझा करना है। आसियान देशों में भारतीय तटरक्षक जहाज की यह लगातार तीसरी तैनाती है।
इस विशेष प्रदूषण नियंत्रण जहाज की यह यात्रा उस व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आईसीजी समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। इस आईसीजी जहाज को आसियान देशों फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई में 12 अप्रैल तक तैनात किया गया है। इससे पहले वर्ष 2023 में आईसीजी प्रदूषण नियंत्रण जहाजों ने इस पहल के हिस्से के रूप में कंबोडिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और इंडोनेशिया की यात्रा की थी।
अपनी तैनाती के दौरान यह जहाज मनीला (फिलीपींस), हो ची मिन्ह (वियतनाम) और मुआरा (ब्रुनेई) में बंदरगाह का निरीक्षण करने जायेगा। यह जहाज विशेष समुद्री प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों और एक चेतक हेलीकॉप्टर के साथ भेजा गया है। इसे समुद्र में तेल को फैलने से रोकने, उसे एकत्र करने तथा ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। भ्रमण वाले बंदरगाहों पर प्रदूषण प्रतिक्रिया प्रशिक्षण और विभिन्न उपकरणों का प्रायोगिक प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके अलावा इस जहाज के साथ राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के 25 कैडेट्स भी हैं। यह एनसीसी कैडेट जहाज के कर्मियों, भागीदार एजेंसियों के कर्मियों, भारतीय दूतावास, मिशन कर्मचारियों तथा स्थानीय युवा संगठनों के समन्वय में जहाज के बंदरगाह भ्रमण के दौरान समुद्र तटों की सफाई और इसी तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल होंगे। आईसीजी जहाज की यह यात्रा फिलीपींस तट रक्षक, वियतनाम तटरक्षक और ब्रुनेई समुद्री एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में भी उल्लेखनीय महत्व रखती है।
भारतीय तटरक्षक ने फिलीपींस और वियतनाम के तटरक्षकों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने तथा समुद्री सुरक्षा और संरक्षा के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। इस क्षेत्र में सुरक्षा, संरक्षा और समुद्री पर्यावरण को सुनिश्चित करने के लिए ये संबंध पिछले कुछ वर्षों के दौरान विकसित हुए हैं। इस यात्रा की कार्य सूची में पेशेवर आदान-प्रदान, क्रॉस-डेक यात्राएं, संयुक्त अभ्यास के साथ-साथ क्षमता निर्माण सुविधाओं तक यात्रा सहित आधिकारिक और सामाजिक गतिविधियां शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम