हिजली से माउंटेन व्यू तक : सुंदर पिचाई से मिले आईआईटी खड़गपुर के निदेशक

 


अमेरिका/खड़गपुर, 19 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के प्लैटिनम जुबली वर्ष के अवसर पर परंपरा और भविष्य का सशक्त संगम शुक्रवार को उस समय देखने को मिला, जब संस्थान के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान गूगल के माउंटेन व्यू मुख्यालय में गूगल एवं अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई से भेंट की।

यह संवाद ऐसे समय में हुआ है, जब आईआईटी प्रणाली के संस्थापक संस्थान के रूप में आईआईटी खड़गपुर अपने 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में अपने वैश्विक नेतृत्व को और सुदृढ़ कर रहा है। प्रो. चक्रवर्ती के साथ पूर्व छात्र प्रतिनिधिमंडल भी उपस्थित रहा, जिसमें डॉ. अशोक दे सरकार, अर्जुन मल्होत्रा, रॉय दा सिल्वा तथा शैलेन्द्र कुमार शामिल थे।

इस दौरान रणनीतिक और दूरदर्शी विचार-विमर्श हुआ, जिसमें वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक शैक्षणिक व अनुसंधान पहलों का नेतृत्व, उन्नत प्रौद्योगिकीय क्षमताओं का उपयोग तथा स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्केलेबल समाधानों के विकास पर विशेष बल दिया गया।

सुंदर पिचाई ने इन पहलों के प्रति सिद्धांततः समर्थन व्यक्त करते हुए समावेशी विकास और सामाजिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित किया।

इस अवसर पर भावनात्मक क्षण भी सामने आए, जब सुंदर पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर में अपने छात्र जीवन के अनुभवों को स्मरण किया। उन्होंने अपनी पत्नी अंजलि पिचाई से जुड़ी स्मृतियों का भी उल्लेख किया, जिससे संस्थान और उसके विश्वभर में नेतृत्व कर रहे पूर्व छात्रों के बीच के कालातीत संबंध और प्रगाढ़ हुए।

स्थायी संबंधों की पुष्टि करते हुए सुंदर पिचाई ने आगामी वर्ष प्लैटिनम जुबली समारोहों के अंतर्गत आईआईटी खड़गपुर की यात्रा की संभावना पर विचार करने की सहमति भी दी। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में आईआईटी खड़गपुर के लिए एक ग्लोबल आउटरीच सेंटर की स्थापना सहित संस्थान की वैश्विक आउटरीच पहलों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग, ट्रांसलेशनल रिसर्च, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी आधारित सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा मिलेगा।

इस अवसर पर प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर की 75 वर्षों की विरासत वैश्विक नवाचार और उद्देश्य-प्रेरित प्रौद्योगिकी की अग्रिम पंक्ति से जुड़ रही है, जिसका सशक्त उदाहरण गूगल के नेतृत्व में सुंदर पिचाई का योगदान है।

राष्ट्र-निर्माण और वैश्विक उत्कृष्टता के 75 वर्षों का स्मरण कराती यह भेंट, विश्व मंच पर भारत के बौद्धिक प्रकाशस्तंभ के रूप में आईआईटी खड़गपुर की सतत और प्रभावी भूमिका को रेखांकित करती है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता