विश्व में स्टार्ट अप में तीसरे स्थान पर पहुंचा भारतः जितेंद्र सिंह

 




पंचकुला, 6 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया में भारत का सम्मान हर क्षेत्र में बढ़ा है। आज दुनिया भारत के प्रति अपने दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव देख रही है। आज भारत स्टार्ट अप में विश्व में तीसरे स्थान पर है। आज 1.75 लाख स्टार्ट अप हैं। इसके साथ हम पेटेंट फाइलिंग में 56 प्रतिशत हैं। यही नहीं प्रकाशन में भी हम अगले दो सालों में अमेरिका को भी पीछे कर देंगे। मौजूदा समय में 1.91 लाख पब्लिकेशन है। ये सब सतत प्रयासों ओर जूनून से संभव हुआ है।

डॉ. सिंह शनिवार को पंचकूला में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) के 11वें संस्करण के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस महोत्सव को '3सी' के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव उत्सव, संचार और करियर का अद्भुद संगम है। इस 3सी के माध्यम से हम विज्ञान को सहज तरीके से जन-जन तक पहुंचा सकते हैं।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने इस फेस्टिवल को भारत के वैज्ञानिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह फेस्टिवल एक बार फिर एक गतिशील प्रदर्शनी लेकर आया है जिसे विकसित भारत के लिए नई सोच को प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन चार दिनों में विज्ञान महोत्सव में प्रतिभागी इंटरैक्टिव कार्यशालाओं, शोध-आधारित प्रतियोगिताओं, विशेषज्ञ मार्गदर्शन सत्रों, समस्या-समाधान वाद-विवाद, सहयोगी परियोजनाओं और उपग्रह लाइव-ट्रैकिंग को दर्शाया जा रहा है।

आईआईएसएफ का 11वां संस्करण 6 से 9 दिसंबर तक पंचकूला में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रमुख आयोजन में प्रदर्शनियां, व्यावसायिक बैठकें, प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा आईआईएसएफ 2025 पांच व्यापक विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत और हिमालयी क्षेत्र का विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पारिस्थितिकी; समाज और शिक्षा के लिए विज्ञान; विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत; जैव प्रौद्योगिकी और जैव-अर्थव्यवस्था तथा आधुनिक विज्ञान के साथ पारंपरिक ज्ञान का एकीकरण। विज्ञान क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं, स्कूली बच्चों, युवा उद्यमियों और शुरुआती करियर वाले शोधकर्ताओं के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी