शिलांग में संपन्न हुआ असम राइफल्स का महानिरीक्षक सम्मेलन

 






भारत-म्यांमार सीमा को दुरुस्त बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण: लेफ्टिनेंट जनरल नायर

शिलांग, 3 अक्टूबर (हि.स.)। शिलांग के लैटकोर स्थित एआर मुख्यालय (महानिदेशालय) में असम राइफल्स (एआर) महानिरीक्षक सम्मेलन शुक्रवार को आयोजित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने की। इसमें फॉर्मेशन कमांडरों, बटालियन कमांडरों और मुख्यालय डीजीएआर और फॉर्मेशन के स्टाफ अधिकारियों ने भाग लिया।

महानिदेशक ने इस बात पर जोर दिया कि बल को नियमित अभ्यास और रिहर्सल के माध्यम से पारंपरिक संचालन में लड़ाकू क्षमता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-म्यांमार सीमा को दुरुस्त बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। मणिपुर में वर्तमान स्थिति को देखते हुए उन्होंने बल के जवानों को उनके त्रुटिहीन और निष्पक्ष आचरण के लिए बधाई दी, जिससे स्थिति को नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों और कश्मीर घाटी में तैनात हमारी बटालियनों ने भी शानदार काम किया है। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सभी सीएपीएफ के बीच सबसे अधिक संख्या में पौधे लगाने के लिए एफएमएन कमांडर की सराहना की। उन्होंने कहा कि बल में स्वस्थ राशन का वितरण आवश्यक है। जिसमें, बाजरा जैसी नई वस्तुओं को शामिल किया गया है। डीजी ने कहा कि असम राइफल्स के जवानों की फिटनेस को सुनिश्चित करना भी हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए इस साल 11 ईएसएम रैलियां आयोजित की गईं। इसके अलावा उनकी करीब 500 शिकायतों का निपटारा भी किया गया।

सम्मेलन के दौरान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने पूर्वोत्तर की कई चुनौतियों से निपटने में फॉर्मेशन और यूनिट कमांडरों को उनके नेतृत्व और कनिष्ठ नेताओं की सराहना की। उन्होंने उनसे खुद को मौजूदा स्थिति से अवगत रहने और मौजूदा माहौल में सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि असम राइफल्स ने हमेशा पूर्वोत्तर के लोगों के साथ अपनी पहचान बनाई है और उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित की है। वर्ष में दो बार आयोजित होने वाला यह सम्मेलन पूर्वोत्तर में अपने कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बल की परिचालन और प्रशासनिक दक्षता में सुधार लाने पर केंद्रित है।

हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद/सुनील