उच्च शिक्षा सचिव ने किया स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के सातवें संस्करण का शुभारंभ

 


नई दिल्ली, 08 अगस्त (हि.स.)। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति ने गुरुवार को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2024 के सातवें संस्करण का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया। इस मौके पर एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम और उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे भी मौजूद रहे।

शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) और एआईसीटीई द्वारा आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन दुनिया का सबसे बड़ा ओपन इनोवेशन मॉडल है। एसआईएच के सातवें संस्करण में 20 केंद्रीय मंत्रालयों, 5 राज्य सरकारों, 3 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और 3 निजी संगठनों की ओर से 202 प्रॉब्लम स्टेटमेंट प्रस्तुत की गई हैं। अब छात्र इन पर अपने आइडिया फाइल करेंगे। छात्रों की यह व्यापक भागीदारी खुले नवाचार मॉडल के महत्व और देश की सबसे अधिक दबाव वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक सहयोगी प्रयासों को रेखांकित करती है।

गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड इस वर्ष के संस्करण के लिए प्रमुख प्रायोजक भागीदार है। देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों के लिए पंजीकरण और आइडिया प्रस्तुत करने के लिए पोर्टल अब खुले हैं जिसकी अंतिम तिथि 12 सितंबर, 2024 है। इच्छुक छात्र आधिकारिक वेबसाइट: www.sih.gov.in पर पंजीकरण कर सकते हैं।

के. संजय मूर्ति ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 के उद्देश्यों को साकार करने में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने और उद्योग जगत व अकादमिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में हैकाथॉन के योगदान पर प्रकाश डाला।

स्थिरता के महत्व पर जोर देते हुए मूर्ति ने प्रतिभागियों से ऐसे अभिनव समाधान विकसित करने की अपील की जो अधिक टिकाऊ हों और उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में योगदान दे सकें।

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन को युवाओं के सशक्तिकरण और नवाचार के लिए एक शक्तिशाली मंच बताते हुए इसका महत्व बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों को इसमें भाग लेकर अपनी रचनात्मकता को बढ़ाना चाहिए। ऐसी प्रतियोगिता में भाग लेकर वे विकसित भारत के दृष्टिकोण में सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं।

एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे ने वर्ष 2017 में शुरू हुए एसआईएच के आज दुनिया के सबसे बड़े खुला नवाचार मंच के रूप में विकसित होने की यात्रा को विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज कैसे एसआईएच छात्रों में एक उद्यमी मानसिकता को पोषित कर रहा है, कैसे यह देश भर में नवाचार की ओर एक सांस्कृतिक बदलाव लाने में सहायता कर रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार / रामानुज