राजकोट गेम जोन हादसे में मारे गए 7 लोगों के शव परिजनों को सौंपे गए

 


- शिनाख्त न होने पर घटनास्थल से निकाले गए शवों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय

राजकोट, 27 मई (हि.स.)। राजकोट कालावड रोड पर टीआरपी गेम जोन हादसे में 28 मृतकों में से 7 के शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। शवों के अत्यधिक झुलसने के कारण उनकी पहचान न होने पर सरकार ने घटनास्थल से निकाले गए शवों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।

राजकोट गेम जोन हादसे के बाद गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में मृतकों के डीएनए कलेक्ट और मैचिंग का काम चल रहा है। गृह राज्य मंत्री सोमवार को एफएसएल पहुंचे और गेम जोन अग्निकांड को लेकर चल रहे काम की समीक्षा की। संघवी ने बताया कि मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को समय पर देने के लिए 18 से अधिक सदस्य दिन-रात काम में जुटे हैं। डीएनए कलेक्ट करने से लेकर फाइनल रिपोर्ट तैयार करने तक के सभी काम के संबंध में उन्होंने विस्तृत जानकारी दी।

संघवी ने कहा कि मृतदेह से डीएनए सैम्पल लेने के लिए ब्लड सैम्पल की जरूरत होती है, लेकिन मृतकों के बोन्स को तत्काल गांधीनगर एफएसएल पहुंचाया गया है। रविवार सुबह 5 बजे से एफएसएल की टीम ने काम शुरू कर दिया था। डीएनए सैम्पल से फाइनल रिपोर्ट तक कुल 8 चरणों में काम किया जाता है। हरेक चरण में नमूना के प्रकार के आधार पर परीक्षण का समय तय होता है।

उन्होंने बताया कि अभी तक सत्यपालसिंह जाडेजा, स्मित वाला, सुनील सिद्धपुरा, जिग्नेश गढवी, ओमदेवसिंह गोहिल, विश्वराजसिंह जाडेजा और आशाबेन काथड की पहचान हो चुकी है। इसके अलावा दो अन्य विरेन्द्रसिंह जाडेजा और धर्मराजसिंह जाडेजा के सैम्पल कंफर्म हो चुके हैं। यानी कुल 9 लोगों का डीएनए कंफर्म हो चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/सुनीत