कोलकाता में डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा 'प्रतीकात्मक', स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं : राज्य स्वास्थ्य विभाग

 


कोलकाता, 09 अक्टूबर (हि.स.) । पश्चिम बंगाल के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में वरिष्ठ डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे का स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। कोलकाता में डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा 'प्रतीकात्मक' है, यह दावा राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को किया। उन्होंने बताया कि राज्य में चल रहे दुर्गा पूजा समारोहों के कारण ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी कम रही, हालांकि वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टर, आरएमओ और सहायक प्रोफेसर अपनी नियमित ड्यूटी कर रहे थे।

मुर्शिदाबाद से आए एक मरीज, सुनीर्मल बसु, जो आरजी कर अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग में नियमित रूप से जाते हैं, उन्हाेंने बताया कि जिस डॉक्टर से वे पिछले 4-5 सालों से इलाज करवा रहे थे, वह ओपीडी में निर्धारित समय पर मौजूद थे। बसु ने कहा, मुझे आशंका थी कि ओपीडी काम करेगा या नहीं, और डॉक्टर मौजूद होंगे या नहीं। लेकिन डॉक्टर वहां अन्य दिनों की तरह ही मौजूद थे।

एक अन्य कैंसर रोगी, जिनकी पूर्व-निर्धारित थेरेपी थी, उनको भी अस्पताल में सामान्य रूप से इलाज मिला। उन्होंने बताया, मेरा इलाज आज हुआ और इसमें कोई परेशानी नहीं आई।

हालांकि, वरिष्ठ डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि राज्य के अस्पतालों में सेवाएं अभी तक प्रभावित नहीं हुई हैं, लेकिन आने वाले दिनों में यदि राज्य सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली तो, स्थिति बदल सकती है। आरजी कर अस्पताल के सहायक प्रोफेसर, डॉ. संदीप सरकार ने कहा, अब तक हमने मरीजों और उनकी तकलीफों को ध्यान में रखते हुए काम किया है। हम चाहते हैं कि सरकार आगे आए और अपनी जिम्मेदारी निभाए।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमें अभी तक किसी भी डॉक्टर से उनके सामूहिक इस्तीफे के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। सामूहिक इस्तीफा देने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि लोग इस्तीफा देना चाहते हैं, तो उन्हें एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा। हालांकि, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं क्योंकि आज कोई भी डॉक्टर अनुपस्थित नहीं था।

कोलकाता के मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन के अनुसार, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कई डॉक्टरों और फैकल्टी सदस्यों ने मंगलवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर चिकित्सा शिक्षा निदेशक को अपना इस्तीफा भेजा है। इसी के समर्थन में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के करीब 35 डॉक्टरों ने भी इस्तीफा दिया।

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों ने अपने सामूहिक इस्तीफे पत्र में कहा, हम ऐसे दमनकारी हालात में अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए हतोत्साहित हैं। जब हमारे छात्र और कनिष्ठ एक आपदा के कगार पर खड़े हैं, तो हम उच्च अधिकारियों से उनके मुद्दों का समाधान जल्द से जल्द करने का अनुरोध करते हैं।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सनीत हाजरा ने बताया कि सामूहिक इस्तीफे का मकसद राज्य सरकार पर दबाव बनाना है, जो कनिष्ठ डॉक्टरों की भूख हड़ताल के दौरान चुप रही है। उन्होंने कहा, हमारा इस्तीफा प्रतीकात्मक है, जिसका उद्देश्य सरकार को बातचीत के लिए मजबूर करना है। हम नहीं चाहते कि मरीजों को तकलीफ हो, इसलिए हम उनका इलाज कर रहे हैं और करते रहेंगे क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर