मप्रः नर्सिंग कॉलेजों के मामले में सरकार का एक्शन, दोषी अधिकारियों की सेवा होगी समाप्त
भोपाल, 25 मई (हि.स.)। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियों को लेकर सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है। साथ ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए कुछ नए कदम भी उठाए जा रहे हैं। नर्सिंग कॉलेजों की जांच में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अनियमितता को लेकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जाएगी। साथ ही नर्सिंग काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार और सचिव के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, नर्सिंग कॉलेजों के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार देर शाम मुख्य सचिव वीरा राणा, डीजीपी सुधीर सक्सेना, एसीएस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मो सुलेमान, प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे को में तलब किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं न हो, इसके लिए बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। भारत सरकार के नए नर्सिंग एक्ट के तहत प्रदेश में नए प्रादेशिक आयोग का गठन किया जाएगा। नए नियमों के तहत भविष्य में नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता राष्ट्रीय आयोग से ही मिलेगी। साथ ही इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थाओं की तर्ज पर नर्सिंग संस्थानों में प्रवेश लेने लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा होगी। इससे स्थानीय स्तर पर होने वाली अनियमितताओं पर काफी हद तक रोक लगेगी।
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने मांगी नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी की जानकारी
वहीं, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने एक अधिसूचना जारी पर नर्सिंग कालेजों की फैकल्टी की जानकारी मांगी है। इस पर एनएसयूआई की मेडिकल विंग के राज्य समन्वयक रवि परमार ने इसे विश्वविद्यालय की लापरवाही बताते हुए कहा कि जब उसने नर्सिंग कालेजों को संबद्धता (मान्यता) जारी कि तब क्या फैकल्टी की जांच किए बिना ही विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने संबद्धता दे दी थी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्याय ने जनवरी 2024 की कैबिनेट बैठक के निर्णय को भी दरकिनार किया है, जिसमें नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं और छात्र- छात्राओं की संख्या में वृद्धि को देखते हुए नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विषयों से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित अन्य विश्व विद्यालयों के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया गया था। विश्वविद्यालय इसके बावजूद नर्सिंग एवं पैरामेडिकल 2024-25 सत्र के लिए फैकल्टी का रजिस्ट्रेशन कर रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश के चर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई निरीक्षक राहुल राज को दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान भोपाल, इंदौर और रतलाम में दबिश देकर कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी गई थी। इसके बाद मामले में सीबीआई के डीएसपी और एक इंस्पेक्टर समेत 10 नए लोगों को भी आरोपी घोषित किया था। इस तरह मामले में आरोपियों की कुल संख्या 23 हो गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात