सरकार ने 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है  : हरदीप सिंह पुरी

 


नई दिल्ली, 02 सितंबर (हि.स.)। इथेनॉल सम्मिश्रण 2014 में 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 15 प्रतिशत हो गया है। इससे प्रोत्साहित होकर सरकार ने 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है। द्वारका स्थित यशाेभूमि परिसर में आयाेजित इंडिया बायो-एनर्जी एंड टेक एक्सपो 2024 (आईबीईटीई) के उद्घाटन सत्र में चर्चा के दाैरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह बात कही।

इस माैके पर पेट्रोलियम मंत्री ने केंंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से आग्रह किया कि वे ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ई 100 ईंधन के अनुकूल वाहनों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके लिए पुरी ने ब्राजील का हवाला दिया जहां के वाहनों में 60-70 प्रतिशत तक उच्च इथेनॉल सामग्री का प्रयाेग हाे रहा है।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने यहां कहा कि बायो एनर्जी तेजी से जीवाश्म ईंधन का एक महत्वपूर्ण विकल्प बन रहा है। इस पहल से विदेशी मुद्रा में 99,014 करोड़ रुपये की बचत हुई है। कार्बन उत्सर्जन में 519 लाख मीट्रिक टन की कमी आई। इस दाैरान तेल विपणन कंपनियों ने डिस्टिलर्स को 1,45,930 करोड़ रुपये और किसानों को 87,558 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।

इंडिया बायो-एनर्जी एंड टेक एक्सपो 2024 का आयोजन इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (आईएफजीई) और एमएमएसीटीआईवी एससी आई-टेक कम्युनिकेशन लिमिटेड द्वारा यशोभूमि, द्वारका में 2 सितंबर से 4 सितंबर, 2024 तक किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के जैव ऊर्जा क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित है।

पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने बताया कि इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए विशेष रूप से पानीपत और नुमालीगढ़ में पराली और बांस जैसे कृषि अवशेषों को इथेनॉल में परिवर्तित करने के लिए रिफाइनरियां स्थापित की गई हैं। ये रिफाइनरियां प्रदूषण को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इथेनॉल उद्योग को और अधिक समर्थन देने के लिए सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए विभिन्न प्रोत्साहन पेश किए हैं। इनमें मक्का से प्राप्त इथेनॉल के लिए 9.72 रुपये प्रति लीटर, क्षतिग्रस्त चावल से इथेनॉल के लिए 8.46 रुपये प्रति लीटर और सी-भारी शीरे से इथेनॉल के लिए 6.87 रुपये प्रति लीटर शामिल हैं। इन प्रोत्साहनों ने इथेनॉल उत्पादन में मक्का के योगदान को काफी बढ़ा दिया है, जो 2023-24 वर्ष में बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया था।

पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने बताया अब सरकार ने इथेनॉल डिस्टिलरी को एफसीआई चावल की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी है, जिससे अगस्त से अक्टूबर 2024 तक ई-नीलामी के माध्यम से 23 लाख टन तक की खरीद की अनुमति मिल गई है। नवंबर 2024 से डिस्टिलरी को गन्ने के रस और सिरप की आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी, जो 2024-25 वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करेगा। इस माैके पर पेट्रोलियम मंत्री ने देश भर में 400 से अधिक खुदरा दुकानों पर ई-100 ईंधन के सफल प्रक्षेपण के साथ इथेनॉल ईंधन के विस्तार में एक प्रमुख मील का पत्थर बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह