हिंद महासागर के 12 तटीय क्षेत्रों का गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव 29-31 अक्टूबर तक

 

- नौसेना प्रमुखों व समुद्री एजेंसियों के बीच 'हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा' विषय पर होगी चर्चा

- कॉन्क्लेव में 12 हिंद महासागर तटीय क्षेत्रों के नौसेना प्रमुख और समुद्री बलों के प्रमुख शामिल होंगे

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय नौसेना के नेवल वॉर कॉलेज में 29 से 31 अक्टूबर तक 'गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव' होगा। इस बार कॉन्क्लेव में समसामयिक और भविष्य की समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना प्रमुखों और समुद्री एजेंसियों के बीच 'हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा' विषय पर चर्चा की जानी है। इस वर्ष के संस्करण का विषय समुद्री क्षेत्र में 'सक्रिय और सहयोगात्मक प्रयासों' की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव भारतीय नौसेना की आउटरीच पहल है, जो समसामयिक और भविष्य की समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना प्रमुखों और साझेदार समुद्री एजेंसियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए बहुराष्ट्रीय मंच है। इस द्विवार्षिक कार्यक्रम के पिछले संस्करण 2017, 2019 और 2021 में आयोजित किए गए थे। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में समुद्री सुरक्षा के लिहाज से प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक शमन ढांचे में परिवर्तित करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव आईओआर में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए क्षेत्रीय समाधान खोजने का प्रयास जारी रखता है।

कॉन्क्लेव में भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, बांग्लादेश, कोमोरोस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया सहित 12 हिंद महासागर तटीय क्षेत्रों के नौसेना प्रमुखों, समुद्री बलों के प्रमुखों, वरिष्ठ प्रतिनिधियों की मेजबानी करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि होंगे और वह मुख्य भाषण देंगे। तीन दिवसीय कॉन्क्लेव को चार सत्रों में बांटा गया है, जिसमें प्रख्यात वक्ताओं और विषय विशेषज्ञों के साथ बातचीत की जाएगी। कॉन्क्लेव के हिस्से के रूप में 'मेक इन इंडिया प्रदर्शनी' में भारत के स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योग को देखने और स्वदेशी युद्धपोतों के साथ-साथ डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल की क्षमताओं को देखने का अवसर भी दिया जाएगा।

कॉन्क्लेव में आईओआर में समुद्री सुरक्षा हासिल करने के लिए नियामक और कानूनी ढांचे में अंतराल की पहचान करने, समुद्री खतरों और चुनौतियों के सामूहिक शमन के लिए बहुपक्षीय समुद्री रणनीति और संचालन प्रोटोकॉल का निर्माण करने, पूरे आईओआर में उत्कृष्टता केंद्र के साथ सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पहचान और स्थापना करने, सामूहिक समुद्री दक्षताओं को उत्पन्न करने की दिशा में आईओआर में मौजूदा बहुपक्षीय संगठनों के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियों का लाभ उठाने के मुद्दे पर चर्चा की जानी है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन