स्वतंत्रता संग्राम को एकता के सूत्र में बांधने में वंदे मातरम की रही बड़ी भूमिका: शेखावत
नई दिल्ली, 08 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज यहां कहा कि भारत जैसे विशाल देश में हो रहे अलग-अलग तरह के स्वतंत्रता संघर्ष को 'एकता के सूत्र में बांधने' में 'वंदे मातरम' की बहुत बड़ी भूमिका रही। लोकसभा में इस पर चर्चा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक 'अविस्मरणीय दिन' होगा।
शेखावत ने सोमवार को संसद के बाहर मीडिया से कहा, मैं यह मानता हूँ कि आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अविस्मरणीय दिन होगा, जब एक ऐसे गान पर चर्चा होगी, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर के देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने वाले हर सेनानी के जीवन में उत्साह को पैदा किया है। आज संसद में 'वंदे मातरम' पर 10 घंटे लंबी बहस होने वाली है। उन्होंने कहा कि यह गीत धीरे-धीरे स्वतंत्रता सेनानियों के अभिवादन से लेकर उनके जीवन के अंतिम शब्द तक के रूप में उभर कर सामने आया।
शेखावत ने कहा, “'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने का ऐतिहासिक अवसर है। हम सदन में न केवल स्वतंत्रता संग्राम में इसके अतुलनीय योगदान का सम्मान करेंगे, बल्कि आजादी के उपरांत इस गीत से जुड़े रहे विवादास्पद पहलुओं और विभाजनकारी राजनीतिक विमर्श पर भी गहराई से चिंतन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि आज से 150 वर्ष पहले बंकिम चंद्र चटर्जी ने 'वंदे मातरम' गीत की रचना की थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी