24 घंटे में 64 बार धधके उत्तराखंड के जंगल, तीन जिंदा जले
- वन विभाग के लिए आफत बनती जा रही जगलों की आग
- उत्तराखंड में जंगलों की आग कई दिनों बाद भी है बेकाबू
देहरादून, 3 मई (हि.स.)। उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग शुक्रवार को और तेज हो गई है। वन विभाग के लिए जगलों की आग आफत बनती जा रही है। पिछले 24 घंटे में वनाग्नि की 64 नई घटनाएं सामने आई हैं। शुक्रवार को आग से जलकर तीन लोगों की मौत भी हुई है।
उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग ने शुक्रवार को विकराल रूप ले लिया है। यह आग वन संपदा के साथ ही वन्य जीवों के लिए भी खतरा बन गई है। कई जगह जंगल की आग आबादी और संस्थानों तक पहुंच चुकी है। वनाग्नि से अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। ऐसे में वन विभाग आग पर काबू पाने में विफल साबित हो रहा है।
अब तक वनाग्नि की 868 घटनाएं
उत्तराखंड में जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को प्रदेशभर में 24 घंटे में 64 घटनाएं दर्ज हुई। इसमें 74.67 हेक्टेयर जंगल जल गए। अब तक उत्तराखंड में 868 घटनाएं आग की हो चुकी हैं। एक तरफ जंगल आग से धधक रहे हैं, दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। जंगलों से उठता धुंआ चारों ओर फैल चुका है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
1085.998 हेक्टेयर वन प्रभावित
वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार एक नंबर 2023 से दो मई 2024 तक कुल 868 आग की घटनाएं हुई हैं। गढ़वाल में 344 एवं कुमाऊं में 456 तो वन्यजीव में 68 घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1085.998 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। अब तक कुल पांच लोग आग से झुलसकर घायल हो चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण/प्रभात