जहाजों को मछली पकड़ने वाली नौकाओं में बदलने में दी जा रही मदद : डा.एलमुरुगन
नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। सरकार पारंपरिक मछुआरों को अपने जहाजों को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं में बदलने के लिए 60 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इसके अतिरिक्त सुविधाजनक बनाने के लिए ऋण सुविधाएं भी उपलब्ध है।
बुधवार को गुजरात साइंस सिटी, अहमदाबाद में आयोजित ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 में ' गहरे समुद्र में मछली पकड़ना : प्रौद्योगिकी, संसाधन और अर्थशास्त्र ' विषय पर एक तकनीकी सत्र में यह बात मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा. एल मुरुगन ने कही।
डॉ. मुरुगन ने आगे कहा कि टूना मछलियों की दुनिया भर में काफी मांग है और भारत में टूना मछली पकड़ने की क्षमता बढ़ाने क्षमता है। उन्होंने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के क्षेत्र में प्रवेश करने, ईंधन की लागत को कम करने और मछली पकड़ने वाली नौकाओं में हरित ईंधन के उपयोग की खोज पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुसंधान का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की क्षमता का स्थायी तरीके से प्रभावी ढंग से दोहन करने के लिए मछली पकड़ने वाले जहाजों को उन्नत करने के लिए अनुसंधान और डिजाइन की आवश्यकता है।
इस मौके पर भारत सरकार के मत्स्य पालन के उपायुक्त डॉ. संजय पांडे ने कहा कि हिंद महासागर येलोफिन टूना का अंतिम मूल्य 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इस विषय पर आयोजित एक पैनल चर्चा में प्रस्तावित किया गया कि गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के विकास के लिए एक व्यवस्थित ढांचा विकसित करने के लिए सभी हितधारकों की चिंताओं को संबोधित करने वाले सामूहिक और समावेशी प्रयास आवश्यक हैं।
विश्व बैंक के सलाहकार, डॉ. आर्थर नीलैंड ने कहा कि भारत के ईईजेड में 179,000 टन की अनुमानित फसल के साथ येलोफिन और स्किपजैक ट्यूना की आशाजनक क्षमता के बावजूद वास्तविक फसल केवल 25,259 टन है। जो केवल 12 प्रतिशत है।
डॉ. नीलैंड ने कहा कि मत्स्य पालन विज्ञान और प्रबंधन, मछली प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे के साथ भारत के मजबूत संस्थागत आधार का उपयोग गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की विकास योजनाओं के लिए भी फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि हितधारकों की भागीदारी और निवेश, प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक वातावरण बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/अनूप