सरकार का ध्यान कर दायरा बढ़ाने और कर व्यवस्था को सरल बनाने पर केन्द्रित – वित्त मंत्री

 


नई दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करने के बाद कहा कि सरकार लगातार कर (टैक्स) का दायरा बढ़ाने जोर दे रही है। भारत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से कर दायरे का विस्तार करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि बजट में केवल कर राजस्व का ही नहीं बल्कि गैर-कर राजस्व संग्रहण भी योगदान दे रहा है। सरकारी कंपनियों का लाभ बेहतर हो रहा है। उनका मूल्यांकन काफी बढ़ गया है और उनके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है।

केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद दोपहर में राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार केवल कर राजस्व को बढ़ाने ही नहीं बल्कि कर व्यवस्था को सरल करने पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है। हम कर व्यवस्था की समीक्षा के माध्यम से एक सरल कर व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। नई आयकर व्यवस्था पुरानी कर व्यवस्था को सरल बनाने की राह में लाई गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट घोषणा में संपत्ति की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ हटाने की घोषणा की थी। इसका मतलब कि संपत्ति बेचने वाले व्यक्ति अब मुद्रास्फीति का उपयोग करके अपनी खरीद मूल्य को समायोजित नहीं कर पाएंगे, जिससे उनको होने वाला लाभ कम हो जाएगा।

इस पर सवाल के जवाब में वित्त सचिव डी.आर. टी.वी.सोमनाथन ने कहा कि रियल एस्टेट, सोना और अन्य संपत्तियों पर पहले इंडेक्सेशन के साथ कर दर 20 प्रतिशत थी। इसे अब बिना इंडेक्सेशन के घटाकर 12.5 प्रतिशत ​​कर दिया गया है। ऐसा करते समय यह माना गया है कि अचल संपत्ति पर रिटर्न की दर आम तौर पर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष से ऊपर रहती है और मुद्रास्फीति लगभग 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। रियल एस्टेट में रिटर्न की वास्तविक दर पहले 6 प्रतिशत और 16 प्रतिशत प्रति वर्ष के बीच रहती है। ऐसे में विक्रेता का ज्यादा रिटर्न पर कम कर देना पड़ेगा और कम रिटर्न पर मामूली बढ़ोत्तरी होगी। ऐसा करने से कर व्यवस्था अधिक सरल भी हो गई है।

वहीं इस बार के बजट में सरकार ने एंजेल टैक्स हटाने का भी फैसला किया है। एंजेल टैक्स एक शब्द है जिसका उपयोग मूल रूप से ऑफ-मार्केट लेनदेन के माध्यम से शेयर जारी करके गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा जुटाई गई पूंजी पर देय आयकर से जुड़ा है। हालांकि इसे लगाए जाने के पीछे एक कारण मनी लॉंड्रिंग पर नजर रखना भी था। अब सरकार का कहना है कि मनी लांड्रिंग पर नजर रखने के लिए अन्य प्रावधान हैं।

एंजेल टैक्स हटाए जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसे 2012 में यूपीए सरकार लेकर आई थी। सरकार में निरंतरता बनाए रखने के लिए हमने इसे जारी रखा। लेकिन अब एक संतुलित दृष्टिकोण रखते हुए हमने इसे हटाने का फैसला किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा / जितेन्द्र तिवारी