मराठा आरक्षण के लिए पूर्व न्यायाधीश संदीप शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट महाराष्ट्र कैबिनेट मेें मंजूर
मुंबई, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मराठा आरक्षण के संदर्भ में नियुक्त सेवानिवृत्त न्यायाधीश समिति की पहली रिपोर्ट मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने स्वीकृत कर ली है। कैबिनेट ने मराठा समुदाय के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन की जांच करने के लिए न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में समिति गठित करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को बताया कि पूर्व न्यायाधीश संदीप शिंदे समिति ने मराठवाड़ा के सभी आठ जिलों में लगभग पौने दो करोड़ रिकॉर्ड की जांच की है और 13 हजार 498 पुराने कुनबी रिकॉर्ड पाए गए हैं। इन अभिलेखों की जांच का काम हर दिन चल रहा है। इस रिपोर्ट में मराठवाड़ा में निजामकाल और अन्य उपलब्ध दस्तावेज के आधार पर मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिए जाने का सुझाव दिया गया है। इसी आधार पर मराठा समाज के जिन लोगों के पास निजामकालीन दस्तावेज होंगे, उन्हें कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इन अभिलेखों की जांच के दौरान मोढी और उर्दू भाषा में भी दस्तावेज मिले हैं। इनका अनुवाद करके संरक्षण करने तथा उनके आधार पर कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने को भी आज मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा मराठा समुदाय के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन की जांच करने के लिए न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में समिति गठित करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस समिति में पूर्व न्यायाधीश मारोती गायकवाड़, न्यायाधीश संदीप शिंदे सदस्य के रूप में काम करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजबहादुर/सुनीत