जम्मू-कश्मीर ने पिछले 35 वर्षों में सबसे अधिक 58.46 प्रतिशत मतदान के साथ रचा इतिहास : चुनाव आयोग

 




नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। देश की चुनावी राजनीति में जम्मू-कश्मीर ने पिछले 35 वर्षों में अबकी बार सबसे अधिक मतदान कर इतिहास रच दिया। आम चुनाव 2024 में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर संयुक्त मतदाता मतदान (वीटीआर) 58.46 प्रतिशत था। यह महत्वपूर्ण भागीदारी क्षेत्र में लोगों की मजबूत लोकतांत्रिक भावना और नागरिक भागीदारी का प्रमाण है।

चुनाव आयोग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ केंद्र शासित प्रदेश में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न होने पर मतदान कर्मियों और सुरक्षा अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को चुनाव आयोग की तरफ से बधाई देते हुए कहा, “यह उपलब्धि 2019 के बाद से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि की विश्वसनीय बुनाई पर आधारित है, सी-विजिल शिकायतें बढ़ी हुई नागरिक भागीदारी दिखा रही हैं और सुविधा पोर्टल रैलियों आदि के लिए 2455 अनुरोध दिखा रहा है। यह चुनाव और प्रचार क्षेत्र में झिझक से दूर और पूर्ण भागीदारी की ओर लगातार हो रहे बदलाव को दर्शाता है। चुनावी लामबंदी और भागीदारी के इस परिणाम की तुलना प्रसिद्ध कश्मीरी कारीगर बुनाई की प्रसिद्धि और निपुणता की याद दिलाती है। यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ी सकारात्मक बात है ताकि केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया चलती रहे।''

आयोग के अनुसार कश्मीर घाटी में तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 50.86 प्रतिशत मतदान लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को दर्शाता है। मतदान भागीदारी प्रतिशत में 2019 में अंतिम आम चुनाव से 30 अंक की बढ़ोतरी देखी गई, जहां यह 19.16 प्रतिशत था। घाटी के तीन संसदीय क्षेत्रों श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी में क्रमशः 38.49 प्रतिशत, 59.1 प्रतिशत और 54.84 प्रतिशत वीटीआर दर्ज किया गया, जो पिछले 3 दशकों में सबसे अधिक है। केंद्र शासित प्रदेश के अन्य दो निर्वाचन क्षेत्रों अर्थात् उधमपुर और जम्मू में क्रमशः 68.27 प्रतिशत और 72.22 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

आयोग ने बयान में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में ऐतिहासिक भागीदारी का एहसास चुनाव और सुरक्षा अधिकारियों के प्रयासों से हुआ, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेषकर युवाओं को चुनाव में भाग लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास किया था। अधिकतर युवाओं ने अपनी आस्था व्यक्त की है और बड़े पैमाने पर लोकतंत्र को अपनाया है। एक और दिलचस्प परिप्रेक्ष्य 18-59 वर्ष के आयु वर्ग के मतदाताओं का है, जो केंद्र शासित प्रदेश में मतदाताओं का प्रमुख हिस्सा हैं। आम चुनाव 2024 में उच्च मतदान प्रतिशत लोकतंत्र में उनके विश्वास को दर्शाता है, जो एक सकारात्मक और उत्साहजनक विकास है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल