शिक्षा मंत्रालय और ईसीआई ने स्कूलों में मतदाता जागरूकता फैलाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए
नई दिल्ली, 02 नवंबर (हि.स.)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और शिक्षा मंत्रालय के बीच गुरुवार को चुनावी साक्षरता को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत स्कूल और कॉलेज के छात्र जल्द ही चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं के रूप में अपनी भविष्य की भूमिका और कर्तव्यों के बारे में जानेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि छात्र 18 साल के हो गए हैं और मतदाता बन गए हैं, लेकिन मतदान, लोकाचार, परिमाण के बारे में बहुत अधिक जागरूक नहीं हैं। कैसे मतदान करना है और किसे वोट देना है। ऐसे समय में किन बातों का ध्यान रखना है इस पहल के तहत उन्हें इन तमाम बिन्दुओं के लिए तैयार किया जाएगा।
एमओयू का उद्देश्य सभी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक के पाठ्यक्रम में मतदाता शिक्षा और चुनावी साक्षरता को व्यवस्थित रूप से एकीकृत करना है। यह एकीकरण सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए पाठ्यचर्या ढांचे का भी विस्तार करेगा। एनसीईआरटी चुनावी साक्षरता पर सामग्री शामिल करने के लिए पाठ्यपुस्तकों को पेश और अद्यतन करेगा और राज्य शिक्षा बोर्डों और अन्य बोर्डों को भी इसका पालन करने की सलाह देगा।
छात्रों के बीच मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। 18 वर्ष की आयु होने के तुरंत बाद प्रत्येक छात्र को मतदाता पहचान पत्र सौंपने के ईसीआई के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करना चाहता है। 17 की आयु होने वाले पात्र और भावी छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए एक संस्थागत ढांचा बनाया जाएगा।
मतदाता शिक्षा सामग्री के नियमित प्रदर्शन और पूरे वर्ष सतत चुनावी और लोकतंत्र शिक्षा (सीईडीई) गतिविधियों के संचालन के लिए प्रत्येक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक कमरे को 'लोकतंत्र कक्ष' के रूप में नामित करें। एक समर्पित 'डेमोक्रेसी रूम' छात्रों को पूरे वर्ष हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलुओं को सीखने, चर्चा करने और उनमें भाग लेने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/आकाश