बंगाल में नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूह

 


कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में नशे के कारोबार को पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठन बढ़ावा दे रहे हैं। एक महीने से भी कम समय में 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की खेप की बरामदगी के बाद विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अधिकारियों को ऐसे रैकेटों के पीछे विभिन्न पूर्वोत्तर क्षेत्र आधारित विद्रोही समूहों के हाथ होने का संदेह है।

राज्य पुलिस सूत्रों ने कहा कि कई कारण हैं जो संदेह को बढ़ाते हैं।

राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले एक महीने के दौरान इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों ने कबूल किया है कि इन प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की खेप की आपूर्ति मुख्य रूप से विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों से होती थी। हालांकि, अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों ने दावा किया है कि ये खेप बिचौलियों-संचालकों द्वारा उन्हें सौंपी गई थी और उन्हें उन स्रोत संगठनों के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं है, जहां से ये खेप वास्तव में आ रही थी।

पूर्वोत्तर स्थित विद्रोही समूहों की भागीदारी के बारे में संदेह को मजबूत बनाता है।

राज्य पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह सबको पता है कि पूर्वोत्तर स्थित विद्रोही समूह इस क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न नशीले पदार्थ विनिर्माण रैकेटों को वित्त पोषित करते हैं। इसके बाद निर्माता क्षेत्र में उत्पादित इन उच्च गुणवत्ता वाले प्रतिबंधित नशीले पदार्थों को मध्यवर्ती संचालकों के माध्यम से पूरे देश में विभिन्न तस्करों तक प्रसारित करते हैं। इस बहु-श्रृंखला व्यापार में विशिष्ट घटना यह है कि विनिर्माण स्तर पर बहुत कम शीर्ष को छोड़कर कोई भी वित्तपोषकों के साथ बातचीत नहीं कर सकता है, जो पूर्वोत्तर स्थित विद्रोही समूहों के प्रतिनिधि हैं। यह हाल ही में बंगाल में भंडाफोड़ किए गए रैकेट से स्पष्ट है कि गिरफ्तार लोगों को फाइनेंसरों के बारे में कोई सुराग नहीं है।

इस संबंध में संदेह का दूसरा बिंदु पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किए गए तस्कराें से जब्त किए गए नशीले पदार्थों की खेप की उच्च और शुद्ध गुणवत्ता है। राज्य पुलिस के सूत्रों ने कहा कि हालांकि बंगाल से सटे ओडिशा, बिहार और यहां तक कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भी इसी तरह के नशीले पदार्थ विनिर्माण अड्डे हैं, लेकिन वहां उत्पादित खेप की गुणवत्ता और शुद्धता विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में उत्पादित की तरह उच्च नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा/प्रभात