प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित पुस्तक का डीयू में हुआ विमोचन
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन से जुड़े संस्मरणों पर गिरीश एम. शर्मा द्वारा गुजराती भाषा में लिखित पुस्तक “सुवर्ण दिन” के अंग्रेजी संस्करण “गोल्डन डे” और हिंदी संस्करण “स्वर्ण दिन” का विमोचन दिल्ली विश्वविद्यालय में सोमवार को किया गया। इस अवसर पर गुजरात के पूर्व कैबिनेट मंत्री आत्माराम भाई परमार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि गमलों में कभी बरगद के पेड़ नहीं उगा करते, हम सबको बरगद बनना है तो हमको अपने गमले तोड़ने पड़ेंगे। ये गमले छोटी सोच, नकारात्मकता, ईर्ष्या और द्वेष के हैं। कुलपति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अच्छाई के पेड़ लगाने आते हैं। उन्होंने कहा कि कोई बड़ा बनता है तो उसमें कुछ अलग बात जरूर होती है। प्रधानमंत्री मोदी में लगन, मेहनत, समझ और संस्कार सभी कुछ हैं। कोई एक दिन में नरेन्द्र मोदी नहीं बन जाता। इस पुस्तक में ऐसी अनेक घटनाओं का वर्णन है, जो नरेन्द्र मोदी को औरों से अलग करती हैं।
कुलपति ने कहा कि यह पुस्तक नरेन्द्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले के कालखंड पर आधारित है। लेखक गिरीश शर्मा ने इसके माध्यम से नरेन्द्र मोदी की यात्रा के आरंभिक समय का वर्णन करने का काम किया है।
इस अवसर पर लेखक गिरीश एम. शर्मा ने पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के ही दिन, 7 अक्तूबर, 2001 को नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था, इसीलिए इस पुस्तक का नाम स्वर्ण दिन रखा गया है।
गुजरात के पूर्व कैबिनेट मंत्री आत्माराम भाई परमार ने अपने संबोधन में कहा कि नरेन्द्र मोदी के बारे में बहुत कुछ लिखा जा सकता है। वह “दा मैन ऑफ विजन” हैं। उनके मुख्यमंत्री काल में गुजरात को “ग्रोथ इंजन ऑफ इंडिया” कहा जाता था। उन्होंने गुजरात सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी द्वारा कराए गए अनेक सराहनीय कार्यों का वर्णन किया और पुस्तक प्रकाशन के लिए गिरीश शर्मा को बधाई भी दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा कि मोदी जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं। उनके नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर हो रहा है और विकसित हो रहा है। यह सब देश के लोगों द्वारा मोदी पर भरोसे का ही परिणाम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार