सीमा पार से ड्रोन गतिविधियां एक बड़ी चुनौती, ड्रोन से गिराए सामान को लेने वाला देश का सबसे बड़ा दुश्मन: डीजीपी
जम्मू, 03 दिसंबर (हि.स.)। सीमा पार से ड्रोन गतिविधियों को एक चुनौती बताते हुए डीजीपी आरआर स्वैन ने रविवार को कहा कि ड्रोन से गिराए गए हथियार, नशीले पदार्थ और पैसे लेने के लिए आने वाला कोई भी व्यक्ति देश का सबसे बड़ा दुश्मन है। उसके खिलाफ देशद्रोह और आतंकवाद का मामला दर्ज किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि अगर कोई भी जो ड्रोन से गिराई गई सामग्री लेने आता है और गिरफ्तार किया जाता है तो उसे कानून के अनुसार अपमानित और हतोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, नशीले पदार्थ या पैसा लेने आने वाले किसी भी व्यक्ति को देश का सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं और आरोपितों पर उच्चतम स्तर का देशद्रोह और आतंकवाद का मामला दर्ज किया जाएगा।
स्वैन ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा कड़ी है लेकिन केंद्र शासित प्रदेश में शांति को बाधित करने के लिए सीमा पार से प्रयास किए जा रहे हैं।
डीजीपी स्वैन ने सांबा जिले में संवाददाताओं से कहा कि हाल के दिनों में आतंकवादियों और हथियारों को पहुंचाने के लिए विभिन्न स्थानों पर सुरंगें खोदी गईं, जो एक चुनौती थी। ड्रोन एक और चुनौती है और लोगों को इस चुनौती का मुकाबला करने में भूमिका निभानी होगी।
गृह मंत्रालय (एमएचए) में एक बैठक का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि उच्चतम प्राधिकारी स्तर पर यह बताया गया था कि बहुत सारी आबादी है जो आंख और कान के रूप में काम कर सकती है क्योंकि वायु रक्षा प्रणाली जैसी पारंपरिक पद्धति काम नहीं करती है। ड्रोन की आवाजाही को इसकी तकनीक दी गई है।
उन्होंने कहा कि ड्रोन चूहे की तरह छिपकर घुसपैठ करता है। हम चाहते हैं कि पुलिस स्टेशन और पुलिस चौकी स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था हो जिसका ध्यान इसके (ड्रोन मूवमेंट) के बारे में सुनने पर जितनी जल्दी हो सके प्रतिक्रिया देने, उसका पता लगाने और उस पर रोक लगाने के अलावा खुफिया जानकारी जुटाने पर हो ताकि यह पता चल सके कि वह कब हवा में उड़ सकता है।
डीजीपी ने कहा कि खुफिया जानकारी, जांच, क्षेत्र पर प्रभुत्व और लोगों के सहयोग के संयोजन से उनके काम को इतना कठिन बना दिया गया है कि वे समझ जाएंगे कि इसका अब कोई फायदा नहीं है।
जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के बारे में स्वैन ने कहा कि व्यापक बयान हमें वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं बता सकते।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशनल गोपनीयता सक्रिय आतंकवादियों की संख्या का खुलासा करने की अनुमति नहीं देती है। हम संख्या के बारे में बात नहीं करते क्योंकि इससे स्थिति के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। यहां तक कि दो लोग भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
डीजीपी ने कहा कि सीमा पार से शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि लोग आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं, सुरक्षा बलों को पुंछ-राजौरी बेल्ट में आतंकवादियों के बारे में दर्जनों इनपुट मिल रहे हैं।
राजौरी के खूंखार आतंकवादी तालिब हुसैन शाह और पुलवामा के उसके कश्मीरी सहयोगी फैसल अहमद डार की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए स्वैन ने कहा कि यहां तक कि कुछ स्थानों पर लोगों ने खुद ही आतंकवादियों को पकड़ लिया है, पछले साल जुलाई में रियासी में टक्सन ढोक के ग्रामीणों ने पकड़ लिया था और बाद में पुलिस को सौंप दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/बलवान/आकाश