क्या आप जानते हैं पॉलिश और अनपॉलिश दाल के बीच अंतर? जानें कौन सी है बेहतर

दाल भारतीय खाने की थाली का अहम हिस्सा है। अधिकतर घरों में हर रोज दाल का सेवन किया जाता है। प्रोटीन से भरपूर दाल सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। दाल कई प्रकार की आती है जिसमें मसूर, मूंग, अरहर, चना शामिल हैं। दाल बच्चे से लेकर बड़ों सभी को पसंद आती है। घर से लेकर होटल तक दाल को कई तरीके से बनाया और सर्व किया जाता है। दाल को रोटी, चावल और नान किसी के साथ भी खाया जा सकता है। जब हम बाजार से दाल खरीद कर लाते हैं तो कुछ दाल चमकदार लगती हैं तो कुछ थोड़ी खुरदुरी।

 

दाल भारतीय खाने की थाली का अहम हिस्सा है। अधिकतर घरों में हर रोज दाल का सेवन किया जाता है। प्रोटीन से भरपूर दाल सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। दाल कई प्रकार की आती है जिसमें मसूर, मूंग, अरहर, चना शामिल हैं। दाल बच्चे से लेकर बड़ों सभी को पसंद आती है। घर से लेकर होटल तक दाल को कई तरीके से बनाया और सर्व किया जाता है। दाल को रोटी, चावल और नान किसी के साथ भी खाया जा सकता है। जब हम बाजार से दाल खरीद कर लाते हैं तो कुछ दाल चमकदार लगती हैं तो कुछ थोड़ी खुरदुरी।

कभी आपने सोचा है या आप जानते हैं आखिर इनका क्या मतलब होता है। अगर आपका जवाब नहीं है तो आपको बता देते हैं शाइन करने वाली दाल को पॉलिश दाल कहते हैं और रफ नजर आने वाली को अनपॉलिश दाल कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं की इन दोनों दाल में फर्क क्या होता है। साथ ही, खाने के लिए कौन-सी बेहतर होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।

पॉलिश दाल

पॉलिश दाल देखने में चमकदार होती है। इसकी सतह को कृत्रिम रूप से चमकाया जाता है। ऐसे में इसके ऊपर पॉलिश की एक लेयर आ जाती है। मशीनों के जरिये दाल की घिसाई होती है। इसके बाद अरहर, मसूर दालकी सतह चिकनी हो जाती है। कभी-कभी दाल पर चमक लाने के लिए सिलिकॉन पॉलिश और एडिबल ऑयल का भी इस्तेमाल किया जाता है। पॉलिशिंग प्रक्रिया के दौरान दाल की प्राकृतिक परत हट जाती है। जिसके चलते इस दाल में पोषण की मात्रा कम होती है। साथ ही, पॉलिश की वजह से दाल में से डायटरी फाइबर कम होने लगता है। जिसकी वजह से इस दाल के पाचन में भी दिक्कत होती है।

अनपॉलिश दाल

अनपॉलिश दाल की सतह थोड़ी रफ होती है। यह दाल एकदम प्राकृतिक होती है। इसपर किसी भी तरह की पॉलिश नहीं की जाती है। इस दाल की बाहरी परत फाइबर युक्त होती है। इस दाल को किसी भी तरह की मशीन में नहीं डालने की वजह से इसका नेचुरल टेक्स्चर बरकरार रहता है। ऐसे में यह दाल खाने के लिए बेहतर मानी जाती है। यह हेल्दी होने के साथ पाचन और बनाने में भी आसान होती है। अब आप जब भी मार्केट से दालें खरीदने जाएं तो हमेशा अनपॉलिश दाल ही खरीदें। यह आपकी और परिवार की सेहत के लिहाज से बेहतर होती है। वहीं बनाते वक्त यह पॉलिश वाली दाल की तुलना में ज्यादा खुशबूदार और जल्दी पक जाती है।