धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 69वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
- भोजशाला के उत्तरी भाग में खुदाई के दौरान मिले स्तंभों के तीन अवशेष
भोपाल, 29 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे बुधवार को 69वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के नौ अधिकारियों की टीम 38 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे सर्वे के 69वें दिन भोजशाला के प्रवेश द्वार के पास ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) से सर्वे हुआ, वहीं उत्तरी भाग में खुदाई की गई, जहां स्तंभों के तीन अवशेष मिले हैं। इन पर कुछ आकृति बनी हुई है। इनको पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले लिया है। पिछले पांच दिनों से हैदराबाद से आई जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (जीओआई) की टीम मशीन का उपयोग करते हुए सर्वे कर रही थी, जो बुधवार को वापस लौट गई। मशीन के माध्यम से डाटा तैयार करते इस टीम ने जीपीआर सर्वे की रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, मुख्य रिपोर्ट लैब में तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर एएसआई की टीम नए स्थानों पर खुदाई का निर्णय लेगी। इसमें कुछ दिन का समय लग सकता है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि बुधवार को भोजशाला के भीतरी और बाहरी परिसर में सर्वे हुआ है। उत्तरी भाग में मिट्टी हटाने का काम भी किया गया। साथ ही गर्भगृह में विशेष टीम द्वारा वीडियोग्राफी के साथ फोटोग्राफी भी की गई है। भोजशाला में मिले अवशेषों की क्लीनिंग, ब्रशिंग भी हुई। वहीं उत्तरी भाग में खुदाई की गई।
गौरतलब है कि मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के निर्देश पर एएसआई की टीम ने 22 मई से सर्वे का काम शुरू किया है। भोजशाला सहित 50 मीटर परिधि का पूरा क्षेत्र बडा होने के कारण एएसआई द्वारा आवेदन देकर समय बढ़ाने की मांग की गई थी, जिस पर कोर्ट ने चार जुलाई तक रिपोर्ट बनाकर पेश करने का समय दिया था। टीम को सर्वे के तहत काम करते हुए दो माह से ज्यादा का समय बीत गया है। भीषण गर्मी के दौर में भी अधिकारी व कर्मचारी भोजशाला में प्रतिदिन काम कर रहे हैं। मशीनों का उपयोग होने के बाद एक डाटा तैयार किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी इस डाटा का अवलोकन करेंगे, जिसके बाद आगे सर्वे किस दिशा में आगे बढ़ेगा, उसको लेकर निर्णय लेंगे। वहीं, कमाल मौलाना दरगाह परिसर में भी पांच दिनों से जीपीआर से सर्वे किया जा रहा था। इसमें कई नए स्थान खुदाई के लिए चिह्नित किए गए हैं। कई स्थानों पर मार्किग कर पत्थर रखे गए हैं। आने वाले दिनों में यहां भी खुदाई होने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश