धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 48वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
-भोजशाला के शिलालेखों का लिपि विशेषज्ञों ने किया अध्ययन,
-खुदाई के साथ यज्ञ कुंड के पास से मिट्टी हटाने के काम में तेजी आई
भोपाल, 8 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे बुधवार को 48वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 14 अधिकारियों की टीम 39 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर भोजशाला में किए जा रहे सर्वे के दौरान 48वें दिन एएसआई के विशेषज्ञों द्वारा शिलालेख पढ़ने का काम शुरू किया गया। शिलालेखों का अनुवाद कराया जा रहा है। सर्वे टीम का फोकस भोजशाला के भीतरी व बाहरी परिसर पर रहा। यज्ञ कुंड के पास मिट्टी हटाने के काम में तेजी आई है। गत दिवस टीम ने केमिकल ट्रीटमेंट से स्तंभ और दीवार की क्लीनिंग की थी। बुधवार को लिपि विशेषज्ञों ने पूरे दिन दीवार की लिखावट का अध्ययन किया। इसके साथ ही दक्षिण, उत्तर व पश्चिम में पानी निकासी की बाधा को हटाया गया। टीम द्वारा खुदाई कार्य में तेजी लाई गई और अलग-अलग जगह से मिट्टी हटाने का कार्य हुआ।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि भोजशाला में दक्षिण, पश्चिम और उत्तर दिशा में मिट्टी हटाने का काम जारी है। यहां मिट्टी का भराव काफी है। इससे वर्षा के पानी की निकासी व्यवस्था नहीं होने से भोजशाला को नुकसान हो रहा है। यहां से मिट्टी के भराव को हटाया जा रहा है और पानी की निकासी के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। उत्तर पूर्व के कोने से भी मिट्टी हटाई गई है। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी हुई है। भोजशाला के अंदर जो दीवार बनी है, उस पर लिखे गए लेखों का लिपि विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन किया गया। इसका अर्थ समझने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही दीवार की ब्रशिंग व क्लीनिंग भी की गई है। आज भी दरगाह परिसर में काम बंद रहा।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश