धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 45वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
-नए स्थान पर खुदाई के साथ ही सर्वे टीम ने बनाई यज्ञ कुंड की ड्राइंग
-पुरातन सिक्के मिलने के स्थान पर मिट्टी को छाना, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई
भोपाल, 05 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे रविवार को 45वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 21 अधिकारियों की टीम 36 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
एएसआई की टीम ने 45वें दिन भोजशाला सहित 50 मीटर की परिधि में सुबह से शाम तक काम किया गया। इस दौरान यज्ञ कुंड की ड्राइंग बनाई गई। इसके अलावा खुदाई वाले स्थानों पर गहराई में टीम उतारी और वहां भी ड्राइंग तैयार की गई। वहीं उत्तर की दिशा में जहां पहले से पाषाण अवशेष मिले थे, उसके पास ही नए स्थान पर खुदाई कार्य शुरू किया गया है। साथ ही पुरातन काल के सिक्के मिलने के स्थान पर मिट्टी को छानने का कार्य भी किया जा रहा है। टीम द्वारा सभी स्थानों पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जा रही है।
विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जा रही ड्राइंग में दीवार व उससे संबंधित विवरण को दर्ज किया जा रहा है। भोजशाला में दक्षिण-पश्चिम की ओर भी एक ट्रेंच बनी है, जो अंग्रेजी के एल आकार की है। यहां भी मिट्टी हटाई गई है। इधर भाषा विशेषज्ञ का काम भी जारी रहा। उन्होंने भोजशाला और कमाल मौलाना की दरगाह पर लगे शिलालेखों को पढ़ा है। उनके बारे में जानकारी लिखी जा रही है। रविवार को डेढ़ माह का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को 45 दिन हो गए हैं। एएसआई की टीम सुबह से लेकर शाम तक लगातार सर्वे कर रही है। सभी पैरामीटर पर काम हुआ है और फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी भी हुई है। जो ट्रेंच खोले गए हैं, उसकी ड्राइंग भी बनाई जा रही है। जो ट्रेंच सस्पेक्ट थे, उनके मिट्टी छानकर देखी जा रही है कि किसी प्रकार की कोई सामग्री, अवशेष छूट तो नहीं रही है। मॉन्यूमेंट्स की सुरक्षा को लेकर भी वह लगातार काम किया जा रहा है। दक्षिण की ओर बड़े से पिलर थे, उसको ठीक करके उसके आसपास पिंच बना दिया गया है, ताकि बारिश में कोई परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि उत्तर की साइड एक नया ट्रेंच बनाया है, उस पर भी आज काम जारी रहा। खेत में भी एक ट्रेंच बनाया गया है, उस पर भी कार्य जारी रहा। गर्भगृह के सामने की ओर पॉइंट्स में भी मिट्टी हटाने का काम चला है। उत्तर, दक्षिण, पश्चिम दिशा से मिट्टी भी हटाई गई है। अभी नया कोई अवशेष प्राप्त नहीं हुआ है। भोजशाला की दीवार के पास में उत्तर की ओर एक नया ट्रेंच बनाया है, जहां पर आज काम किया गया है। दरगाह परिसर में किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं हुआ।
वहीं, मस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि डेली रूटीन का काम किया गया है। क्लीनिंग-ब्रशिंग की गई। उत्तरी दिशा में एक नई ट्रेंच चालू की गई है, जिसमें खुदाई जारी है। खेत में खुदाई का काम आज बंद रहा। उन्होंने कहा कि कल दरगाह परिसर में शिलालेख निकले थे, आज उनकी क्लीनिंग-ब्रशिंग और पेपर स्टांपिंग की गई। स्मारक के अंदर भी उर्दू, फारसी और अरबी के डिस्क्रिप्शन लिखा हुआ था, उन पर भी आज काम हुआ है। इसका अनुवाद करने की कोशिश की जा रही है।
समद ने दावा किया कि कल दरगाह परिसर के गेट के ऊपर एक कदबा लगा हुआ था, उस पर बहुत ही पुरानी भाषा लिखा हुआ है। उसकी पेपर स्टांपिंग की गई है। वह अलग किस्म का पत्थर है, वह गोल राउंड में है। भाषा का अनुवाद करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के तहत सर्वे नहीं हो रहा है। कोर्ट की अवेहलना हो रही है। एएसआई हमारी बात भी नहीं सुन रही।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश