एंटीबॉयोटिक दवा के दुरुपयोग पर सरकार सख्त, डीजीएचएस ने फार्मासिस्टों को लिखा पत्र

 


नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। देश में एंटीबॉयोटिक्स दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने फार्मासिस्टों को पत्र लिख कर अपील की है कि वे डॉक्टरों द्वारा लिखी पर्ची पर ही इसकी बिक्री करें। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल द्वारा एक जनवरी को लिखे गए पत्र में डीजीएचएस ने फार्मासिस्ट संघों से केवल डॉक्टर के नुस्खे पर एंटीबायोटिक्स देने को कहा है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाली इकाई स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने इस संबंध में देश के सभी फार्मासिस्ट एसोसिएशनों से अपील की है। इसके साथ डॉक्टरों द्वारा लिखे पर्चे में मरीज में दिखे लक्षणों के बारे सटीक जानकारी देने के लिए कहा गया है, जिनके लिए एंटीबायोटिक्स या रोगाणुरोधी दवाएं लिखी गई हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) मानवता के सामने आने वाले शीर्ष वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2019 में 1.27 मिलियन वैश्विक मौतों के लिए बैक्टीरियल एएमआर सीधे तौर पर जिम्मेदार था और 4.95 मिलियन मौतें दवा प्रतिरोधी संक्रमण से जुड़ी थीं। एएमआर प्रतिरोधी रोगाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और उपचार को खतरे में डालता है, जिसके परिणामस्वरूप लंबी बीमारी होती है और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल