(अपडेट) झारखंड में बारिश से तबाही, बोकारो में नदी पर बना पुल बहा, दाे जिलों में रेड अलर्ट

 






रांची, 3 अगस्त (हि.स.)। झारखंड में बंगाल की खाड़ी में उठे साइक्लोन के कारण शुक्रवार को भारी वर्षा के बाद शनिवार को हुई रुक-रुक कर बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। खेत और तालाब पानी से लबालब भर गए हैं। बारिश को देखते हुए शनिवार को सभी स्कूलों में छुट्टी रही। कई पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए हैं। रांची के रातू थाना क्षेत्र के एनएच-75 स्थित मुरगू नदी पर बना डायवर्सन तेज पानी के बहाव में शुक्रवार की देर रात बह गया। इसके साथ रांची से मांडर सहित लोहरदगा, मेदिनीनगर व चतरा का मुख्य संपर्क टूट गया। हालांकि, जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।

राजधानी रांची, धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, कोडरमा और खूंटी में सुबह से देर शाम तक बारिश हुई। शहरों में सड़कों पर जलभराव से लोगों का चलना दुश्वार हो गया। बारिश ने शहरों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। निचले स्थानों पर घरों में पानी घुस गया है। बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में करोड़ों की लागत से बोकारो नदी पर बना पुल शनिवार सुबह बह गया। इस दौरान एक ग्रामीण के भी बह जाने की सूचना है।

मुखिया ने बताया कि गोमिया प्रखंड में लगातार 24 घंटे से मूसलाधार बारिश हो रही है। बोकारो नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी की तेज धार में पुल का एक हिस्सा टूटकर बह गया। बोकारो जिले के गोमिया और पेटरवार पथ को जोड़ने वाले इस पुल के बह जाने की वजह से आवागमन पूरी तरह से ठप है। नदी उफनाई हुई है। इस वजह से पेटरवार और हजारीबाग के बीच आवागमन ठप हो गया है। राजधानी रांची जाने वाली एक भी बस शनिवार काे बोकारो से नहीं चली।

रांची के निचले हिस्से में बाढ़ जैसे हालात हैं। सैकड़ों घराें में पानी घुस गया है। पानी में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि आज (तीन अगस्त) सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। बारिश से तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।

रांची के मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने शनिवार काे बताया कि उत्तरी झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में बना दबाव पिछले छह घंटों के दौरान पांच किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम की ओर बढ़ा। शनिवार सुबह तीन बजे से साढ़े पांच बजे तक यह 24.2 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 84.6 डिग्री पूर्वी देशांतर के पास उसी क्षेत्र में केंद्रित रहा, जो गया (बिहार) से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और डाल्टनगंज (झारखंड) से 60 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व में है। अगले 48 घंटों के दौरान यह उत्तर-पश्चिम झारखंड, दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और उससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ में पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है।

भारी बारिश से भैरवी नदी का बढ़ा जलस्तर

रामगढ़ जिले में पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से नदियों में बाढ़ आ गई है। दामोदर और भैरवी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। भैरवी नदी में बाढ़ आने की वजह से रजरप्पा मां छिन्नमस्तिका के मंदिर में भी पानी घुस गया है। वहां श्रद्धालुओं के लिए मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है। दूसरे द्वारा से श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जा रहा है।

भैरवी नदी का पानी बली स्थल तक पहुंच गया है। साथ ही अन्य रास्तों में भी पानी घुस गया है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। रजरप्पा मंदिर के मुख्य द्वार के पास सैकड़ों दुकानों में पानी घुस जाने की वजह से भारी नुकसान हुआ है। रामगढ़ जिला प्रशासन और मंदिर न्यास समिति के लोगों ने श्रद्धालुओं को अलर्ट रहने की हिदायत दी है। साथ ही नदी में स्नान करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर कमेटी के सदस्यों का कहना है कि अभी बाढ़ आई हुई है, जिसकी वजह से जान-माल की क्षति होने की संभावना है। श्रद्धालु अभी नदी में नहाने के लिए घुसते हैं तो उन्हें खतरा हो सकता है। रामगढ़ में भी जिला प्रशासन ने दामोदर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हाई अलर्ट किया है। यहां तक कि पशुपालकों को भी नदी के किनारे नहीं जाने की हिदायत दी है।

पलामू में कोयल और अमानत नदियां उफान पर

पिछले 72 घंटे से हो रही बारिश से कोयल एवं अमानत नदी में बाढ़ आ गई है। इस सीजन में सबसे अधिक पानी इन नदियों में देखा जा रहा है, जिससे निचले इलाके में खतरा बना हुआ है। हालांकि, प्रशासन की ओर से लोगों को अलर्ट किया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। बारिश अभी भी हो रही है और जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी को लेकर शनिवार को भारी बारिश की जानकारी दी है और सतर्क रहने की सलाह दी है।

गुरुवार से हो रही बारिश के कारण शनिवार सुबह कोयल नदी उफान पर नजर आई। लगातार जलभराव के बीच बाढ़ आ गई। चैनपुर प्रखंड के शाहपुर में कोयल नदी किनारे सड़क पर पानी आ गया। कुछ देर के लिए मेदिनीनगर में कोयल नदी किनारे मरीन ड्राइव पर सीढियों से उपर पानी चढ गया था लेकिन कुछ देर बाद पानी का लेयर कम हो गया। कोयल नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे और आसपास के 10 से 15 किलोमीटर के एरिया में चापाकल, कुओं सहित अन्य जल स्रोतों का लेयर काफी बढ़ गया है। कल तक सूखी पड़ी बोरिंग में भरपूर पानी आ गया है।

कहां बरसा कितना पानी

रांची : 89.8 मिलीमीटर

खूंटी : 60.5 मिलीमीटर

बोकारो : 58.5 मिलीमीटर

लातेहार : 49.5 मिलीमीटर

हिन्दुस्थान समाचार / शारदा वन्दना / चन्द्र प्रकाश सिंह