पुंछ हमले के बाद सैन्य हिरासत में मारे गए तीनों नागरिकों के परिवारों से मिले राजनाथ

 

- सैन्य अधिकारियों से कड़ी खुफिया जानकारी के आधार पर ही ऑपरेशन करने को कहा

- राजनाथ सिंह ने अस्पताल जाकर भर्ती घायलों से भी की मुलाकात, दिया न्याय का भरोसा 

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। आतंकवाद विरोधी अभियानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को पुंछ सेक्टर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैन्य हिरासत में मारे गए तीनों नागरिकों के परिवारों से मिले। उन्होंने अस्पताल जाकर उन परिवारों से मुलाक़ात की, जिनके परिजन घायल अवस्था में भर्ती थे। राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों से मुलाकात में हाल की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार कड़ी खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन करने को कहा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार दोपहर को आतंकवाद विरोधी अभियानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ पुंछ सेक्टर पहुंचे और सीमा पर तैनात जवानों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। सीमा पर तैनात जवानों से मिलकर उन्होंने हाल ही में आतंकी हमले में शहीद हुए चारों जवानों एवं उनके परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सीमा पर तैनात जवानों के जज्बे को सलाम करते हुए उनसे और ज्यादा सजग रहने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने घायल सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

रक्षा मंत्री को मौजूदा सुरक्षा स्थिति, घुसपैठ रोधी ग्रिड और परिचालन तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। राजनाथ सिंह ने जमीनी स्तर पर कमांडरों के साथ परिचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की। इसके बाद राजनाथ सिंह ने सैन्य हिरासत में पुंछ जिले के बफलियाज के टोपा पीर गांव निवासी मृत तीन व्यक्तियों के परिवारों से भी मुलाकात की। वह अस्पताल में भर्ती पांच घायलों को देखने भी गए और परिवार वालों से मिलकर हाल-चाल जाना। उन्होंने घटना की शीघ्र जांच कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने सेना के सभी रैंकों से विशिष्ट प्रौद्योगिकी की सहायता से स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार कड़ी खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन करने को कहा।

दरअसल, सीमावर्ती जिले पुंछ के सूरनकोट इलाके में डेरा की गली और बफलियाज़ में सेना के दो वाहनों पर आतंकी हमले के बाद सेना ने जांच के दौरान आठ स्थानीय नागरिकों को हिरासत में लिया था, लेकिन सैन्य हिरासत में तीन नागरिकों की यातना के वीडियो और उनकी मौतों के वीडियो वायरल हो गए। इसे केंद्र सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया और जवाबदेही तय करने के लिए सेना को सख्त निर्देश दिए। इसके बाद सेना ने इस मामले की जांच एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी के अधीन शुरू कर दी है। भारतीय सेना ने 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के एक ब्रिगेड कमांडर को इस मामले की जांच होने तक हटा दिया है और ब्रिगेड की कमान दूसरे अधिकारी को सौंपी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन