तहसीलदार की फेसबुक पोस्ट पर छिड़ा विवाद, सफाई में कहा- किसी ने क्लोन आईडी बनाई

 


पोस्ट में लिखा- 'मुंह छिपाकर दारू पी रही प्रियंका गांधी, राहुल खान देश पर राज करने के सपने पाल रहे

गुना/भोपाल. 30 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के गुना जिले की कुंभराज तहसील में पदस्थ तहसीलदार अमिता सिंह के शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट पर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस ने महिला तहसीलदार पर पलटवार करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है। साथ ही उन्हें हद में रहने की हिदायत भी दी है।

तहसीलदार अमिता सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर कहा कि कैमरा सामने आते ही मुंह छिपाकर लंदन में दारू पी रही हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि बकरे और बीफ खाने वाले ब्राह्मण राहुल खान और वाड्रा परिवार 100 करोड़ हिंदुओं के देश पर राज करने का सपना पाले हैं। अपनी पोस्ट के साथ उन्होंने एक फोटो भी लगाया है। जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ड वाड्रा बैठे नजर आ रहे हैं।

हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। जब पोस्ट के संबंध में तहसीलदार अमिता सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजस्व महा अभियान चल रहा है। बार-बार ओटीपी आता रहता है, इसलिए मेरा मोबाइल किसी के भी पास रहता है, मेरे पास नहीं रहता है। उन्होंने बाद में अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा -अपने सभी मित्रों को सूचित करना चाहती हूं कि मेरी फेसबुक आईडी हैक हो गई है। किसी के द्वारा मेरी क्लोन आईडी बनाकर कोई राजनीति से प्रेरित पोस्ट की गई है। मेरे द्वारा अपनी आई चेक करने पर ऐसी कोई पोस्ट मिली नहीं है। मैं इस संबंध में साइबर सेल में शिकायत कर रही हूं।

अमिता सिंह के पोस्ट पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने कहा कि तहसीलदार हैं, वे अपनी प्रशासनिक औकात में रहकर जो उन्हें जिम्मेदारी है उसे निभाएं। यदि वे समझती हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को खुश कर वहां नौकरी कर लेंगी, तो उन्हें लंबा प्रशासनिक जीवन निभाना है। कभी भी तकलीफ में आ सकती हैं। महिला हैं, अपने दायरे में काम करें। यदि तहसीलदार नहीं, समाज सुधारक बनना चाहती हैं, तो उन्हें राजनीति में आ जाना चाहिए। अपनी हैसियत पता लग जाएगी। ये वही तहसीलदार हैं, जो हमेशा विवादों में रहती हैं। सरकार को उन्हें कहीं भी पदस्थ करने से पहले मानसिक इलाज करवाकर भेजना चाहिए। जैसा कि उन्होंने अपनी प्रोफाइल पर पोषण विशेषज्ञ भी लिखा है, उन्हें मानसिक पोषण की भी आवश्यकता है। महिलाओं के प्रति सद्भावना रखना सम्मानजनक स्थिति है, किंतु तहसीलदार महोदया मणिपुर के मसले पर वह मूक बधिर क्यों बनी रहीं। लगता है वे एक सरकारी नौकर नहीं, सरकार के एजेंडे को लागू करने वाली राजनीतिक दल की सदस्य बन चुकी हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- यह अमिता सिंह तोमर हैं जो गुना जिले की कुंभराज तहसील में तहसीलदार पद पर पदस्थ हैं, जिन्होंने बलिदानी परिवार की बेटी प्रियंका जी के खिलाफ अशोभनीय पोस्ट किया है। क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव जी इस अशोभनीय पोस्ट को सिविल सेवा आचरण के अनुकूल मानते हैं? अगर नहीं तो इन्हें तत्काल हटाया जाए।

बता दें कि तहसीलदार अमिता सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। फेसबुक पर उनके 11 हजार फॉलोवर हैं। तहसीलदार अमिता सिंह तोमर टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में 50 लाख रुपये जीतने के बाद चर्चा में आईं थी। साल 2011 में वह 'कौन बनेगा करोड़पति' की हॉट सीट तक पहुंची थीं। अमिता सिंह अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रह चुकी हैं। इसी साल श्योपुर में पदस्थ किए जाने के दौरान तहसीलदार का प्रभार न मिलने से नाराज होकर उन्होंने कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। अमिता सिंह ने 9 महीने पहले भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था- 'गरीब खड़ा ताक रहा अपने सूने दालान से। नोटों के बंडल निकल रहे मोहब्बत की दुकान से। (600+...करोड़ कैश)।' इस पोस्ट को झारखंड में कांग्रेस सांसद के यहां मिले करोड़ों रुपयों के मामले से जोड़कर देखा गया था।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर