कांग्रेस ने सदैव पिछड़े वर्ग के आरक्षण का विरोध किया : के. लक्ष्मण
मुंबई, 16 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने गुरुवार को मुंबई में कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा पिछड़े वर्ग के आरक्षण का विरोध किया है, जबकि भाजपा ने पिछले दस सालों में पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई है। इससे पिछड़ा वर्ग लाभान्वित हुआ है।
के. लक्ष्मण गुरुवार को मुंबई के भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ओबीसी विरोधी कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए जाति विभाजन की राजनीति शुरू कर दी है। कांग्रेस ने कभी ओबीसी को सम्मान नहीं दिया, कभी आरक्षण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 1961 में जब जवाहरलाल नेहरू प्रधान मंत्री थे, तब पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने का विरोध किया गया था। उस समय नेहरू ने कहा था कि मुझे कोई आरक्षण पसंद नहीं है, खासकर नौकरियों में। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अक्षमता को बढ़ावा देता हो।
नेहरू ने यह कहकर भी ओबीसी का अपमान किया कि यदि एससी, एसटी, ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण दिया गया तो सरकारी काम की गुणवत्ता कम हो जायेगी। 1955 में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए कालेलकर आयोग की सिफारिशों पर नेहरू के शासनकाल में संसद में चर्चा तक नहीं की गई। मंडल आयोग की सिफ़ारिशें 1980 में प्रस्तुत की गईं लेकिन कांग्रेस सरकार ने 1990 तक इन सिफ़ारिशों को लागू नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि जब डॉ. मनमोहन सिंह सरकार सत्ता में थी, तब कांग्रेस ने सच्चर कमेटी का हवाला देकर कहा था कि देश में मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है। के. लक्ष्मण ने कहा कि 1981 में कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम लेकर आई थी। कर्नाटक में भी मुसलमानों को ओबीसी बनाने और मुसलमानों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने की कांग्रेस की साजिश थी। लक्ष्मण ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत एनडीए ने ओबीसी का उचित सम्मान रखते हुए कैबिनेट में 27 ओबीसी, 12 अनुसूचित जाति, 8 अनुसूचित जनजाति मंत्री दिए हैं। दलित समुदाय के एक व्यक्ति और एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में स्थापित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजबहादुर/सुनीत