देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे देव दीपावली से वाराणसी में होगा शुरू

 


वाराणसी, 06 जून (हि.स.)। अमेरिकी देश बोलीविया एवं मेक्सिको के बाद दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे देव दीपावली से वाराणसी में शुरू होने जा रहा है। काशीवासी रोप-वे के पहले चरण में वाराणसी जंक्शन कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक की सुगम यात्रा कम समय में कर सकेंगे। इसके संचालन से यातायात की समस्या से भी निजात मिलेगी। रोप-वे के निर्माण के लिए स्विटज़रलैंड से लाए गए उपकरण इंस्टाल किए जा रहे हैं। रोप-वे के निर्माण पर 807 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह काम स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट कर रही है।

नेशनल हाई-वे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वाराणसी में देव दीपावली के अवसर पर दुनिया भर के पर्यटक आते हैं। हमारी कोशिश है कि देव दीपावली तक रोप-वे का संचालन शुरू हो जाए और काशी आने वाले पर्यटकों को प्रदूषण रहित परिवहन की अच्छी सुविधा मिल सके। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक विद्यापीठ स्टेशन पर एंकर बोल्ट स्थापित हो गया है। इसके अलावा कई एक्सेलरेशन और डी एक्सेलरेशन कन्वेयर भी स्थापित हो गए हैं। अब जल्द ही रोप लगाने का काम शुरू होगा। वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक कुल दो टॉवर इंस्टाल किए जा चुके हैं और 16 टॉवर पर तेजी से काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेजी से ज़मीन पर उतार रहे हैं। इससे वाराणसी में ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी। रोपवे के संचालन के लिए स्टेशन और टॉवर इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही रोपवे का ट्रायल रन होगा। उसके बाद पर्यटक यात्रा कर सकेंगे। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी दोनों दिशाओं में एक घंटे में छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। 45 से 50 मीटर की अनुमानित ऊंचाई से क़रीब 150 ट्रॉली कार चलेंगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते हैं। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा।

देव दीपावली एक अनूठा त्योहार है जो हर साल वाराणसी में कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन