कारगिल युद्ध से मिली सीख को और मजबूत किया जाना चाहिए : सीडीएस

 

- सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, भावी पीढ़ियों को प्रोत्साहित करता रहेगा

- तीनों सेनाएं संगठनात्मक, संरचनात्मक, वैचारिक तक बड़े सुधारों की दहलीज पर

नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को सशस्त्र बलों के सभी रैंकों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में सीडीएस ने इस बात पर जोर दिया कि कारगिल युद्ध में बहादुरों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल सैनिकों बल्कि देश के युवाओं की भावी पीढ़ियों को भी प्रेरित और प्रोत्साहित करता रहेगा।

कारगिल युद्ध पर प्रकाश डालते हुए सीडीएस ने कहा कि इस युद्ध में न केवल सेना के लिए बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी लोगों के लिए सबक थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि खून बहाकर सीखे गए सबक को नहीं भूलना चाहिए, गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए और सही सबक को और मजबूत किया जाना चाहिए। सशस्त्र बलों में चल रहे सुधारों के बारे में जनरल अनिल चौहान ने रेखांकित किया कि तीनों सेनाएं संगठनात्मक, संरचनात्मक और वैचारिक से लेकर सांस्कृतिक तक बड़े सुधारों की दहलीज पर हैं।

उन्होंने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य युद्ध क्षमता में सुधार करना और सशस्त्र बलों को हर समय युद्ध के लिए तैयार रखना है। हमें पुरानी प्रथाओं को त्यागने और नई प्रथाओं को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सुधारों का स्वरूप और रूपरेखा भारतीय परिवेश और चुनौतियों की विशिष्टता को दर्शाना चाहिए। सीडीएस ने नागरिकों को आश्वस्त किया कि देश के अमृतकाल में सशस्त्र बल 'विकसित भारत' बनाने के लिए देश के बाकी हिस्सों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम