हिमालयी इलाके में फंसे मुख्य चुनाव आयुक्त पहुंचे देहरादून, यहां से दिल्ली के लिए हुए रवाना
देहरादून, 17 अक्टूबर (हि.स.)। पिथाैरागढ़ जिले के दुर्गम इलाके में हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार गुरुवार सुबह हेलिकॉप्टर से मुनस्यारी से देहरादून पहुंच गए। इसके बाद यहां से सीईसी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
दरअसल, सीईसी राजीव कुमार बुधवार को हेलीकाॅप्टर से मिलम जा रह थेे। खराब मौसम के चलते पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में उनका हेलीकाॅप्टर फंस गया था। जिसके बाद पायलट ने उच्च हिमालयी क्षेत्र के रालम गांव में इमरजेंसी लैंडिंग की थी। उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। सभी लोग सुरक्षित हैं। रातभर वहां रहने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त और उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुरुवार सुबह मुनस्यारी से उड़कर हेलीकॉप्टर से 11 बजकर 40 मिनट के करीब देहरादून स्थित सहस्त्रधारा हेलीपैड पहुंचे। यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीबीआरसी पुरषोत्तम, आईटीबीपी महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, सोनिका, सिटी मजिस्ट्रेट सहित राज्य निर्वाचन के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य चुनाव आयुक्त कुछ देर रुकने के बाद सीधे हेलीकॉप्टर से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। मुख्य चुनाव आयुक्त के गुरुवार सुबह सकुशल मुनस्यारी पहुंचने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। उनके साथ उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे और सीईसी के पीएसओ नवीन कुमार सहित चार लोग हेलिकॉप्टर पर सवार थे। आपात लैंडिंग के बाद अधिकारियों ने सेटेलाइट फोन के जरिये इसकी सूचना देहरादून दी थी। उच्चाधिकारियों ने केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त से फोन पर वार्ता की। उनके सकुशल होने की जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। रालम गांव में सड़क, बिजली और संचार सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। वर्तमान में गांव में कोई व्यक्ति नहीं है क्योंकि सर्दी शुरू होने के साथ ग्रामीण निचले इलाकों में लौट आए हैं।
पिथौरागढ़ जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी ने बताया कि हेलीकॉप्टर पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, उत्तराखंड के अपर मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे समेत चार लोग लोग सवार थे। सभी लोग 12 घंटे बाद देर रात्रि मालम गांव में रेस्क्यू टीम के साथ पहुंचे। रालम में मुख्य चुनाव आयुक्त सभी लोगों के साथ एक घर में ठहरे थे। सभी लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि मिलन और पातू दो अलग-अलग रास्ते से 48 रेस्क्यू टीम ट्रैक के लिए लगी थी। गुरुवार को मौसम ठीक होने पर पायलट सभी लोगों को हेलिकॉप्टर से मुनस्यारी हेलीपैड लेकर पहुंचा। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से देहरादून के लिए रवाना हुए। आईटीबीपी के जवान, मेडिकल टीम और पांतू गांव के ग्रामीण भोजन, दवा व अन्य आवश्यक सामान लेकर मौजूद रही थी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार