पश्चिम बंगाल में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
मुख्यमंत्री ममता बोलीं- यहां रहने वाले लोग हमसे अधिक बंगाल से करते हैं प्यार
कोलकाता, 19 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में छठ पर्व का पहला दिन रविवार को श्रद्धा और सबुरी के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इसके लिए कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना समेत राज्यभर के सभी गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दिन घाटों पर गजब की चहल-पहल थी। छठ व्रती महिलाएं शूप में केला, सेव, नारियल, नारंगी, नाशपाती आदि सजाकर नदी, तालाबों आदि के जल में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।
सोमवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन होगाा। इसके लिए नहाए खाए के बाद छठ व्रती श्रद्धालुओं ने उपवास रखा है और करीब 36 घंटे से अधिक समय तक भूखी रहकर सूर्य की आराधना की जाती है। कोलकाता के गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में उमड़े छठ व्रतियों को अर्घ्य दिलवाने के लिए बड़ी संख्या में पुरोहित भी नदी में उतरे थे। पुलिस ने राजधानी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है। इसके साथ नगर निगम ने घाटों पर लाइट, साफ-सफाई और माइकिंग आदि की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी गंगा घाट पर छठ व्रतियों के बीच पहुंचीं और सबको शुभकामनाएं देते हुए शांतिपूर्वक तरीके से छठ पर्व संपन्न होने की कामना की। मुख्यमंत्री पहले पोट इलाके के भक्ताघाट पर उसके बाद दहियाघाट पर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार छठ पर्व पर छुट्टी नहीं देती लेकिन राज्य सरकार दो दिनों की छुट्टी दे रही है। बंगाल में रहने वाले लोग हमसे ज्यादा बंगाल से प्यार करते हैं। पिछले 10 सालों से वो यहां छठ व्रतियों के बीच आती रही हैं और आगे भी आती रहेंगी।
रंग बिरंगी रोशनी से सजा है महानगर कोलकाता-
महानगर कोलकाता समेत शिल्पांचल में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी क्षेत्रों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। सड़कों को साफ किया गया है और इलाके के क्लब तथा स्थानीय लोगों ने मिलजुल कर छठ व्रतियों के घाट पर जाने और लौटने की व्यवस्था की है। अतिरिक्त संख्या में तैनात पुलिसकर्मी सड़कों से लेकर गंगा घाटों तक तैनात हैं। गंगा नदी में भी बड़ी संख्या में कोलकाता पुलिस की रिवर पेट्रोलिंग टीम गस्ती लगा रही है ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना घटे।
छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम पर्व मुख्यरूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। प्रायः हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व को इस्लाम सहित अन्य धर्मावलंबी भी मनाते हैं। धीरे-धीरे यह त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है। छठ पूजा सूर्य और उनकी पत्नी उषा को समर्पित है। इसमें किसी मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है और सबसे बड़ी बात यह है कि छठ पूजा के लिए व्रती महिलाएं 36 घंटे से अधिक समय तक भूखी रहती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/पवन