साहस और आस्था की चारधाम यात्रा, देश-दुनिया को करा रही अविस्मरणीय अनुभव
- प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक सुकून और सकारात्मक ऊर्जा मिटा देती है तीर्थयात्रियों की थकान
- श्रीकेदारनाथ धाम की राह हुई आसान, बेहतर प्रबंध, व्यवस्थाएं चाक-चौबंक
केदारनाथ/देहरादून, 14 मई (हि.स.)। देवभूमि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं, यह साहस और रोमांचभरी आस्था की यात्रा भी है। प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक सुकून और सकारात्मक ऊर्जा कठिन यात्रा कर पहुंचे तीर्थयात्रियों की थकान को मिटा देती है। इस बार चारधाम 10 मई से शुरू हुई है। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष चारधाम यात्रा आस्था के सम्मान के साथ सुरक्षित और सुखद हुई है। ऐसे में चारधाम यात्रा इस बार देश-दुनिया को अविस्मरणीय अनुभव करा रही है।
चारधाम तीर्थयात्रियों को सरल सुगम दर्शन हो और बेहतर सुविधाएं मिलें। इसके लिए उत्तराखंड सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। खास बात यह है कि इस बार न बर्फबारी तीर्थयात्रियों के हौसलों को तोड़ पाएंगी और न मानसून की बौछारें मार्ग में बाधा बनेंगी। चारधाम दर्शन के लिए हर वर्ष देशभर से लाखों तीर्थयात्री यहां पहुंचते हैं। यात्रा में स्वास्थ्य जांच के बाद ही तीर्थयात्रियों को ऊपर भेजा जाता है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस क्षेत्र में आक्सीजन की कमी और अत्यधिक ठंड के कारण सामान्य स्वास्थ्य के बावजूद जीवन संकट में पड़ जाता है। सीधी चढ़ाई श्रद्धालुओं के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होती है। हालांकि शासन-प्रशासन ने जगह-जगह पर टेंट लगाकर डॉक्टरों और रेस्क्यू टीम की तैनाती की है। इससे चारधाम यात्रा पहले से अधिक सुरक्षित और सुखद हुई है। चारधाम यात्रा में देश ही नहीं, दुनिया भर से यात्री आ रहे हैं।
चारधाम यात्रा को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह यात्रा न केवल चारों धामों के दर्शन का बल्कि आत्मिक जागरण का भी अवसर प्रदान करती है। ऐसा माना जाता है कि चारधाम यात्रा करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पवित्र हिमालय की वादियों में प्रकृति की सुंदरता के बीच धार्मिक स्थलों के दर्शन से मन को शांति और आत्मिक सुख प्राप्त होता है। यात्रा के दौरान ध्यान और मंत्र जप करने से व्यक्ति को आत्मिक जागरण का अनुभव हो सकता है। धामों के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से ईश्वर के प्रति आस्था और समर्पण भाव मजबूत होता है। यात्रा के दौरान कठिन रास्तों को पार करते हुए कर्मों के महत्व का भी बोध होता है।
समुचित पेयजल व्यवस्था के साथ घोड़े-खच्चरों के लिए भी उचित प्रबंधन-
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई हैं। अधिशासी अभियंता जल संस्थान अनीश पिल्लई ने बताया कि केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों के लिए केदारनाथ धाम तक समुचित पेयजल व्यवस्था की गई है। सोनप्रयाग से यात्रा मार्ग पर 78 स्टैंड पोस्ट लगाए गए हैं। छह टैंक टाइप के स्टैंड पोस्ट भी स्थापित हैं। तीन स्थानों पर वाटर एटीएम स्थापित किए गए हैं। इसमें सीतापुर, सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड शामिल है। रुद्रप्रयाग जनपद की सीमा से लेकर सोनप्रयाग तक विभिन्न स्थानों पर 175 हैंडपंप स्थापित किए गए हैं। घोड़े-खच्चरों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था के लिए गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव से केदारनाथ घोड़ा पड़ाव तक 39 चरहियां बनाई गई हैं। घोड़े-खच्चरों के लिए 13 स्थानों पर गीजर लगाकर गर्म पानी की व्यवस्था की गई है।
केदारनाथ धाम तक समुचित शौचालय की व्यवस्था, लगाए गए हैं पर्यावरण मित्र-
सुलभ इंटरनेशनल के इंचार्ज धनंजय पाठक ने बताया कि यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं के लिए समुचित शौचालय की व्यवस्था है। सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग में 82 स्थानों पर सुलभ शौचालय हैं। साथ ही केदारनाथ धाम में 135 सुलभ शौचालय हैं। शौचालय की सफाई व्यवस्था के लिए 74 पर्यावरण मित्र तैनात हैं। वहीं सीतापुर पार्किंग से लेकर केदारनाथ धाम तक साफ-सफाई के लिए 400 पर्यावरण मित्र लगाए गए हैं। इसी तरह जिला पंचायत ने यात्रा मार्ग से लेकर सीतापुर तक सफाई के लिए 70 पर्यावरण मित्र तो नगर पंचायत केदारनाथ ने केदारनाथ धाम की साफ-सफाई के लिए 51 पर्यावरण मित्र लगाए हैं।
समुचित विद्युत और स्वास्थ्य व्यवस्था-
केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों को रात्रि के समय आवाजाही में कोई परेशानी न हो। इसके लिए विद्युत विभाग ने सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक लगभग 850 स्ट्रीट लाइट लगाई हैं। उरेड़ा विभाग ने भी यात्रा मार्ग से लेकर धाम तक 200 स्थानों पर सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट लगाई हैं।
केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह से स्वास्थ्य खराब होने की दशा में एवं किन्हीं कारणों से चोट लगने व घायल होने पर तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक 12 स्थानों पर एमआरपी तैयार की गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए सोनप्रयाग, छौड़ी, चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, भैंरों ग्लेशियर छानी कैम्प, रुद्रा प्वाइंट, बेस कैंप केदारनाथ (विवेकानंद) तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केदारनाथ में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज