केंद्र ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए कई सुधार किए: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए कई सुधार किए हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारत खाद्य क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता तथा सुरक्षा के वैश्विक मानक स्थापित करे।
राजधानी नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार प्रतिबद्ध है कि देश खाद्य क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और सुरक्षा के लिए वैश्विक मानक स्थापित करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक जीवंत और विविध खाद्य संस्कृति है। उन्होंने कहा कि किसान देश के खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ है। मोदी ने कहा कि सरकार नवीन नीतियों और केंद्रित कार्यान्वयन के साथ किसानों का समर्थन कर रही है।
प्रधानमंत्री का ये वीडियो संदेश मेगा फूड इवेंट 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' के तीसरे संस्करण के अवसर पर पढ़ा गया। यह कार्यक्रम 19 से लेकर 22 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में 90 से अधिक देश हिस्सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' के आयोजन के बारे में जानकर खुशी हुई। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए सभी प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं।
मोदी ने अपने संदेश के माध्यम से कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान हमने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बदलने के लिए व्यापक सुधार पेश किए हैं। खाद्य प्रसंस्करण में शत प्रतिशत एफडीआई, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिककरण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी बहुआयामी पहलों के माध्यम से हम पूरे देश में आधुनिक बुनियादी ढांचे, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और रोजगार सृजन का एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छोटे उद्यमों को सशक्त बनाना है। हम चाहते हैं कि हमारे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) फलें-फूलें और वैश्विक मूल्य श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनें। इसके साथ ही महिलाओं को सूक्ष्म उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसे समय में वर्ल्ड फूड इंडिया हमारे लिए बी2बी इंटरैक्शन और प्रदर्शनियों, रिवर्स बायर-सेलर मीट और देश, राज्य और क्षेत्र-विशिष्ट सत्रों के माध्यम से दुनिया के साथ काम करने के लिए एक आदर्श मंच है।
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि इसके अतिरिक्त भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन का आयोजन डब्ल्यूएचओ, एफएओ और कई प्रतिष्ठित घरेलू संस्थानों सहित वैश्विक नियामकों को खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा मुझे यकीन है कि खाद्य सुरक्षा बढ़ाने और खाद्य अपव्यय को कम करने के लिए खाद्य विकिरण, पोषण और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए पौधे आधारित प्रोटीन, साथ ही परिपत्र अर्थव्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों को प्रदर्शित किया जाएगा। आइए हम आगे बढ़ें और एक टिकाऊ, सुरक्षित, समावेशी और पौष्टिक दुनिया के निर्माण के सपने को साकार करें।
उल्लेखनीय है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने भारत मंडपम में मेगा फूड इवेंट 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' का आयोजन किया गया है। ये कार्यक्रम राजधानी नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम हो रहा है, जो 70 हजार वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका उद्घाटन केंद्रीय केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने आज किया। इस अवसर पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय रेल राज्य और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी मौजूद थे। इस वैश्विक आयोजन में 90 से अधिक देश, 26 भारतीय राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश और 18 केंद्रीय मंत्रालय तथा और संबद्ध सरकारी निकाय भाग ले रहे हैं। जापान इस इवेंट का भागीदार देश है जबकि वियतनाम और ईरान फोकस देशों के रूप में भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान विषयगत चर्चाओं, राज्य और देश-विशिष्ट सम्मेलनों सहित 40 ज्ञान सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 को व्यापक बनाने के लिए स्वाद सूत्र नामक एक पाक प्रतियोगिता शुरू की गई है, जिसमें पूरे भारत के क्षेत्रीय व्यंजन पेश किए जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर