सीबीआई की अदालत ने आयकर विभाग के तीन अधिकारियों को 3-3 साल के कारावास की सजा सुनाई
नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अहमदाबाद और मदुरै की नामित अदालतों ने दो अलग-अलग मामलों में आयकर विभाग के तीन अधिकारियों सहित पांच आरोपितों को तीन-तीन साल के कठाेर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने 1.70 लाख रुपये का संयुक्त जुर्माना भी लगाया है। इसमें तत्कालीन आयकर अधिकारी (आईटीओ), तत्कालीन आयकर निरीक्षक और तीन निजी व्यक्ति शामिल हैं।
पहले मामले में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश अहमदाबाद के तत्कालीन आईटीओ महेश कांतिलाल सोमपुरा और तत्कालीन आयकर निरीक्षक अहमदाबाद मुकेश रमणिकलाल रावल को तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कर निर्धारण वर्ष 2009-10 के आयकर रिटर्न को शिकायतकर्ता के पक्ष में निपटाने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप था। दोनों आरोपितों ने आयकर रिटर्न की जांच को उसके पक्ष में निपटाने के लिए शिकायतकर्ता से 1,75,000/- रुपये की अवैध रिश्वत की मांग की थी। बातचीत के बाद आरोपियों को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
दूसरे मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मदुरै की अदालत ने 3 निजी आरोपितों को तीन साल का कारावास और 70 हजार रुपये के जुर्माने की सुनाई। तीनों आरोपित पर फर्जी तरीके से बैंक ऋण लेने और पुनर्भुगतान में चूक करने के आरोप में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। आरोपितों पर बैंक का 29.98 लाख रुपये का नुकसान करने का आरोप था।
सीबीआई की अदालत ने इस मामले में एसपीके सेल्वम, सीजगदीश्वरन और एस. चिन्नास्वामी को साजिश, धोखाधड़ी और दस्तावेजों की जालसाजी और जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करने के अपराध के लिए दोषी ठहराया। इस मामले में तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। एस. चिन्नास्वामी की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई, इसलिए उनके खिलाफ आरोप समाप्त कर दिए गए।
हिन्दुस्थान समाचार/बिरंचि सिंह/आकाश