(वाइब्रेंट गुजरात समिट) रोजाना 14 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ रहा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट : अश्विनी वैष्णव
- रेल मंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात समिट में रेलवे के पवेलियन का किया दौरा
गांधीनगर, 11 जनवरी (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात समिट में रेल विभाग पवेलियन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि औसतन, लगभग प्रति माह 14 किमी का काम हो रहा है। वायाडक्ट, डेक, ट्रैक और ओवरहेड उपकरण लगाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक 270 किमी से अधिक वायाडक्ट बिछाया जा चुका है। स्टेशनों के निर्माण का काम भी तेजी से प्रगति पर है।
रेल मंत्री ने कहा कि बीकेसी टर्मिनल पर पाइलिंग का काम पूरा हो गया है तथा मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे सुरंग के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया है और निर्माण कार्य शुरू हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना केवल एक परिवहन परियोजना नहीं है, बल्कि एक बड़ी क्षेत्रीय वृद्धि और विकासात्मक योजना है। इससे मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद जैसे सभी प्रमुख शहरों की अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने में मदद मिलेगी तथा इन शहरों के बीच आसान और तेज़ परिवहन सक्षम हो सकेगा, जिससे उत्पादकता कई गुना बढ़ जाएगी।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को गांधीनगर में 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में शामिल हुए। उन्होंने पश्चिम रेलवे द्वारा स्थापित किए गए भारतीय रेल के पवेलियन का भी दौरा किया। रेल मंत्री के साथ पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी भी उपस्थित थे। वैष्णव ने देश में सेमी-कंडक्टर उद्योग में हुई उल्लेखनीय प्रगति और इस क्षेत्र में हमारे देश में विभिन्न प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा समूह, माइक्रोन टेक्नोलॉजी आदि द्वारा किए गए निवेश का उल्लेख किया। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही संभव हो सका है।
रेल मंत्री अश्विनी ने भारतीय रेल के पवेलियन का दौरा किया और पवेलियन की भव्यता से प्रभावित हुए, जो अयोध्या धाम जं. रेलवे स्टेशन की थीम पर आधारित है। उन्होंने स्थिर पैनलों और गतिशील स्क्रीन के माध्यम से बहुत रचनात्मक तरीके से प्रदर्शित इन्फोग्राफिक्स में गहरी रुचि दिखाई। वैष्णव ने पश्चिम रेलवे द्वारा डिज़ाइन किये गये रचनात्मक पैनलों और गतिशील स्क्रीनों के माध्यम से प्रदर्शित भारतीय रेल के विकास के बारे में व्यापक सामग्री और इन्फोग्राफिक्स की सराहना की। वैष्णव पवेलियन के विभिन्न हिस्सों से बहुत प्रभावित हुए जिनमें आकर्षक सामग्री, चिनाब ब्रिज, अजनी ब्रिज मॉडल और रनिंग ट्रेन मॉडल के प्रदर्शन सहित दिलचस्प जानकारी शामिल है। उन्होंने पवेलियन में वंदे भारत के वीआर अनुभव और 'प्रेस टू एक्सीलरेट' सेक्शन का भी आनंद लिया। वैष्णव ने समिट में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के पवेलियन का भी दौरा किया। इसके बाद वह अहमदाबाद के साबरमती स्थित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) गए। ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर में मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए वैष्णव ने बताया कि 2014 के बाद डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को शुरू करने के काम में तेजी आई और अब लगभग 89 % काम पूरा हो चुका है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कारण, अब इस कॉरिडोर पर फ्रेट ट्रेनें चलाई जा रही हैं जबकि यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनें नियमित पारंपरिक नेटवर्क पर चलाई जाती हैं। आज की तारीख में वेस्टर्न और इस्टर्न दोनों डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर प्रतिदिन लगभग 300 से 350 फ्रेट ट्रेनें चल रही हैं जिससे पारगमन समय में लगभग 50%-70% की कमी करके लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद/प्रभात