पुस्तक 'संविधान की जन्मकथा' का हुआ विमोचन
नई दिल्ली, 06 दिसंबर (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार व लेखक लक्ष्मीनारायण भाला की पुस्तक ''संविधान की जन्मकथा'' का बुधवार को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में विमोचन हुआ।
पुस्तक का विमोचन केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने की। इस दौरान राज्यसभा के पूर्व महासचिव और भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के अध्यक्ष योगेंन्द्र नारायण, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदीश अग्रवाल, चाण्यक्य वार्ता के संपादक डॉक्टर अमित जैन सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि पुस्तक के लेखक लक्ष्मीनारायण भाला ने देश को एक सुंदर पुस्तक दी है। इसे सभी को पढ़ना चाहिए। पुस्तक संविधान की बुनियादी बातों को बताती है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने अनेकता में एकता के भाव को ध्यान में रखते हुए संविधान की रचना की लेकिन आज कुछ लोग देश को जाति-धर्म और भाषा के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं। इन विखराववादी ताकतों को पहचानने की जरूरत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में सनातन धर्म की छाप है। इसमें भगवान राम और कृष्ण सहित अनेक देवी-देवताओं व महापुरुषों के चित्र अंकित हैं।
रामलाल ने कहा कि संविधान में भारतीय सोच के अनुसार चित्र अंकित किए गए हैं। हमारे संविधान निर्माताओं ने हर चित्र का सही जगह उपयोग किया है। हर चित्र हमारे भारतीय दर्शन और सोच-विचार से अवगत कराते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष
/दधिबल