आध्यात्मिक संत बाबा नीब करौरी के संस्मरणों की किताब का विमोचन
नई दिल्ली, 16 फरवरी (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र वर्मा की किताब महान संत नीब करौरी महाराज का विमोचन किया गया। शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर और दिल्ली प्रांत प्रचार प्रमुख रितेश अग्रवाल मौजूद रहे।
इस अवसर पर आरएसएस के सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि हमारे देश में अनेक विभूतियां हुई हैं लेकिन जो साधना करते हैं, तप करते हैं वे भविष्य को देख सकते हैं, उन्हीं में से नीब करौरी बाबा थे। बाबा अपने भक्तों की समस्या को समझ लेते थे और उनका समाधान देते थे। इस पुस्तक में अनेक ऐसे संस्मरण हैं जिसमें भक्तों के अनुभवों को शामिल किया गया है। इसमें दूसरे देशों से भी अनुयायियों के अनुभवों का संकलन है।
नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि बाबा श्रीराम के भक्त थे। आज का युग श्रीराम का ही है। राम नाम से कितना बड़ा परिवर्तन हुआ है। राम के आधार पर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिवर्तन देखा जा रहा है। भारत का भाग्य उदय हो रहा है। भारत विश्व गुरु था और अब फिर से एक बार दुनिया को राह दिखाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में हर समस्या का हल है, इसलिए दुनिया अब हमारी तरफ समाधान के लिए देख रही है। विदेशी ताकतों का लक्ष्य हमेशा शासन और शोषण करने का रहा है, इसलिए वहां की संस्कृति नष्ट हो गई। भारत की दृष्टि दुनिया को राह दिखाने की संस्कृति रही है और अब एक बार फिर विश्व को राह दिखाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि लोगों को गुलामी की मानसिकता से निकलना होगा। देश स्वदेश की राह पर आगे बढ़ रहा है। अपने देश की चीजों पर गौरव करना है और अध्ययन करना है।
दिल्ली प्रांत प्रचार प्रमुख रितेश अग्रवाल ने लेखक नरेन्द्र वर्मा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बाबा नीब करौरी के संस्मरणों पर आधारित किताब का संदेश बहुत बड़ा है। बाबा आध्यात्मिक संत थे, आंडम्बरों से दूर रहते थे। उनके प्रसंगों का संकलन पाठकों में बाबा को और करीब से जानने समझने का मौका मिलेगा।
लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र वर्मा ने कहा कि उनके पिताजी ने नीब करौरी के दर्शन किए और उन्हें भी कई बार कैची धाम जाने का मौका मिला। वहीं से उन्हें भक्तों के प्रसंग सुनने के मिले और उन्हें किताब लिखने की प्रेरणा मिली। तीन सालों में बाबा के कई भक्तों से बातचीत कर किताब की रचना हुई है। लेखक नरेन्द्र वर्मा की यह 12वीं पुस्तक है।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/प्रभात